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जोशीमठ में दरारें, दर्द और मरहम, सरकार ने बिजली -पानी बिल किया माफ, प्रति व्यक्ति खाने के लिए मिलेंगे 450 रू.

Joshimath: जोशीमठ में लोग रहने और खाने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसी बीच सरकार ने 6 महीने का बिजली और पानी का बिल माफ करने का ऐलान किया है।
03:46 PM Jan 13, 2023 IST | ISHIKA JAIN

जोशीमठ। जोशीमठ के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। सिर्फ 12 के दिन भीतर ही जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया है। दरकते जोशीमठ के साथ ही वहां पर सालों से बसे लोगों के सपने भी चकनाचूर हो गए हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर है। स्थानीय लोग रहने और खाने जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसी बीच धामी सरकार के ऐलान ने लोगों को थोड़ी राहत दी है। सरकार ने जोशीमठ के लोगों का छह महीने का बिजली और पानी का बिल माफ करने का ऐलान किया है।

किराया राशि में पांच हजार की बढ़ोतरी

दरअसल जोशीमठ के हालातों को देखते हुए सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक की गई थी। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि प्रभावित लोगों के विस्थापन के लिए पीपलकोटी, गौचर, ढाक, कोटिफार्म और सेलांग के साथ-साथ नई जगह चिन्हित की गई हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने अब किराया राशि में 5000 रूपए तक बढ़ाए जाने का फैसला लिया है। बता दें कि यह राशि सिर्फ मकान मालिक के लिए है। जो किराए पर रह रहे थे उनके लिए यह राहत नहीं है।

प्रति जानवर दिए जाएंगे 15 हजार रूपए

वहीं उत्तराखंड कैबिनेट के सभी मंत्री अपनी 1 महीने की सैलरी सीएम राहत कोष में दान करेंगे। जिससे आपदा से प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। बता दें कि धामी सरकार ने राहत शिविर में एक कमरा अधिकतम 950 रूपए महीना की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रभावित लोगों के खाने के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 450 रूपए की राशि तय की गई है। वहीं विस्थापित हो रहे हर परिवार के दो लोगों को मनरेगा में काम भी मिलेगा। वहीं सरकार ने जानवरों के विस्थापन के लिए 15 हजार रूपए प्रति जानवर और 80 रुपए प्रतिदिन चारे के लिए दिए जाने का ऐलान किया है।

बता दें कि फिलहाल जोशीमठ से लोगों को विस्थापित किया जा रहा है। अभी तक प्रशासन ने 90 परिवारों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। विस्थापित किए गए लोगों को राहत राशि देने की प्रक्रिया भी जारी है।

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