Navratri Ke Niyam: अगर आप नवरात्रा में कर रहे हैं कन्या पूजन तो भूल कर भी ना करें ये गलतियां, शास्त्रों के अनुसार ये है पूजन की सही विधि
Navratri Ke Niyam: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रों का विशेष महत्व है. इन नौ दिनों में माता दुर्गा की पूजा अर्चना कर घर में सुख शांति की कामना की जाती है. शारदीय नवरात्रि हिंदू महीने अश्विन में मनाई जाती है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि चार नवरात्रि में शारदीय सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होने वाले हैं. नवरात्रि में नौ कन्या पूजन का विशेष महत्व है. इन दिनों व्रत और पाठ करने वाले भक्त आठवें या नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद व्रत खोलते हैं.
कन्या पूजन का विशेष महत्व
भारतीय संस्कृति में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. यह पूजा न केवल नारी सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह देवी दुर्गा की आराधना का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह पूजा नारी के प्रति आदर और सम्मान को दर्शाता है. कन्याओं में देवी का स्वरूप माना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार कन्याओं का पूजन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और समृद्धि की प्राप्ति होती है. कन्या पूजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण प्रथा है.
कन्या पूजन की सही विधि
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं को अपने घर पूजन के लिए आमंत्रित करें. इनकी आयु 2 वर्ष से 10 वर्ष के बीत रहे तो सबसे ज्यादा अच्छा रहता है. जब कन्याएं आपके घर आएं तो उनका स्वागत विनम्रता से झुककर करें. इसके बाद कन्याओं को बैठने के लिए आसन दें. फिर कन्याओं के पैर जल से धोएं.
चावल, फूल, रोली आदि से उनकी पूजा करें. उनके सिर पर लाल रंग की चुनरी रखें. इसके बाद कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल आदि खिलाएं. जब वे खा लें तो उन्हें पानी पिलाएं. इसके बाद उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार उपहार और दक्षिणा दें. उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. इसके बाद उन्हें अगले साल फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें.
कन्या पूजन पर यह गलती ना करें
कन्या पूजन करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है ताकि पूजा सही तरीके से और श्रद्धा के साथ संपन्न हो सके. सबसे मुख्य बात तो पूजा स्थल और कन्याओं का ध्यान रखे. पूजन में केवल उन कन्याओं का चयन करें जो अपनी आयु और स्थिति के अनुसार सही हों. कन्याओं को उचित उपहार देना न भूलें. इसे श्रद्धा से करना चाहिए, जैसे कि मिठाई, कपड़े आदि. इसके अलावा तैयार किया गया भोजन शुद्ध और ताजा होना चाहिए. किसी प्रकार की कमी या अशुद्धता से बचें. सबसे मुख्य बात कन्याओं का सम्मान करें और उन्हें पूजा में शामिल करने के दौरान उनका आदर करें. इन बातों का ध्यान रखते हुए कन्या पूजन को सही तरीके से संपन्न किया जा सकता है.