देशभर में 13430 छात्र बने चार्टर्ड अकाउंटेंट, हार्डवर्क और फोकस से चमके हमारे CA स्टार्स
जयपुर। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सीए फाइनल व इंटरमीडिएट-2023 का रिजल्ट बुधवार को घाेषित कर दिया। इस बेहद कठिन मानी जाने वाली फाइनल परीक्षा में जयपुर के तीन स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया टॉपर लिस्ट में जगह बनाई है। विशेष काबरा देशभर में 33वें, प्रिया अग्रवाल 42वें व आयुष कटारिया 44वें स्थान पर रहे हैं। इंटरमीडिएट में जयपुर की हर्षिका खंडेलवाल को देशभर में 16वीं रैंक मिली है वहीं प्रणव धूत 21वें स्थान पर रहे हैं। टॉपर स्टूडेंट्स आईसीएआई के जयपुर कार्यालय पर पहुंचे और सफलता को सेलिब्रेट किया।
ये हैं सीए फाइनल अचीवर्स
विशेष काबरा, AIR 33
मैने सिर्फ पास होने का सोचा था लेकिन लक बाई चांस रैंक भी आ गई। मैने सीए परीक्षा में सफलता के लिए कठोर परिश्रम किया है। मैं सोशल मीडिया से दर रहा। पापा, चाचा अौर दो ू बड़ी बहनें सीए हैं जिनके सहयोग से फर्स्ट अटैम्प्ट में मुझे सफलता मिल गई।
प्रिया अग्रवाल AIR 42
पास होने की उम्मीद थी। लेकिन फाइनल में रैंक के साथ पास होने से गर्व की अनुभूति हो रही है। मैने परीक्षा के लिए रोजाना 10 घंटे तैयारी की। परिवार के सदस्यों से ज्यादा टच में रहती थी जिससे स्ट्रेस हावी नहीं हो पाया।
आयुष कटारिया AIR 44
मैनें 2018 में सीए बनने का सफर शुरू किया था, जो आज पूरा हुआ तो बहुत खुशी हो रही है। इसके लिए मैनें लगातार तैयारी की है। लगातार कोर्स रिवीजन, मानसिक रूप से फोकस बनाए रखना और परिजनों के सहयोग से मैनें यह उपलब्धि हासिल की है।
और इन्होंने इंटरमीडिएट में गाड़े झंडे
हर्षिका खंडेलवाल AIR 16
जब मैनें सीए इंटरमीडिएट शुरू किया था तब से ठान लिया था कि मुझे रैंक तो चाहिए ही चाहिए। पहले दिन से लगातार तैयारी शुरू की थी और परीक्षा के अंतिम दिन तक तैयारी की। कोचिंग के बाद में सोशल मीडिया का उपयोग बिलकु ल बंद कर दिया था। पढ़ने से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए और लगातार रिवीजन करती रही। वहीं पुराने पेपर्स का अध्ययन करने के साथ एक प्रॉपर प्लान के साथ तैयारी की।
प्रणव धूत AIR 21
सीए जर्नी में रैंक का कभी नहीं सोचा था। सुबह भी रिजल्ट में के वल पास होने का देखा था। परीक्षा के दौरान मैने कड़ी मेहनत और फोकस के साथ तैयारी की। परीक्षा के बाद हर दिन गोविन्द देव जी के मंदिर जाता था, आज उन्होंने मुझे सफलता का आशीर्वाद दे दिया। सफलता का श्रेय माता पिता और दादी को देना चाहूंगा। स्टूडेंट्स को तैयारी के दौरान नियमित रहना चाहिए, यही सफलता की कुं जी है।