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हैदराबाद के आखिरी निजाम का निधन, दफन हुए अकूत संपत्ति के अनसुलझे सवाल, आखिर किसे मिलेगी बेशुमार दौलत?

हैदराबाद के आखिरी निजाम नवाब मीर बरकत अली खान वालाशन मुकर्रम जाह बहादुर का शनिवार को तुर्की में निधन हो गया।
03:10 PM Jan 17, 2023 IST | ISHIKA JAIN

हैदराबाद। हैदराबाद के आखिरी निजाम नवाब मीर बरकत अली खान वालाशन मुकर्रम जाह बहादुर का शनिवार को तुर्की में निधन हो गया। जहां वह कई वर्षों से रह रहे थे। मुकर्रम जाह को बुधवार को हैदराबाद में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। मुकर्रम जाह बेहिसाब जमीन-जायदाद और हीरे-जवाहरात के मालिक थे। लेकिन उनके निधन के साथ ही उनकी जिंदगी और विरासत में मिली दौलत के कई अनसुलझे सवाल दफन हो जाएंगे।

पैसे बचाने के लिए कपड़े पहनकर नहाते थे मुकर्रम

बता दें कि मुकर्रम जाह को उनके दादा और हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान ने 1954 में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। तब से उन्हें हैदराबाद का आठवां और आखिरी निजाम कहा जाता है। उनके दादा अपने जमाने में दुनिया के सबसे अमीर शख्स हुआ करते थे।

मुकर्रम जाह के बारे में ‘द लास्ट निजाम : द राइज एंड फॉल ऑफ इंडियाज़ ग्रेटेस्ट प्रिंसली स्टेट’ किताब के लेखक जॉन जुब्रिज्स्की ने एक लेख भी लिखा है। उन्होंने लिखा कि ‘कई वर्षों तक मैंने एक मुस्लिम प्रांत के विचित्र शासक की कहानियां पढ़ीं। जिसके पास किलो के हिसाब से हीरे, एकड़ में मोती और टन में सोने की छड़ें थीं। बावजूद इसके वह इतना कंजूस था कि वह कपड़े धोने का खर्च बचाने के लिए कपड़े पहनकर ही नहाता था।’

1933 में फ्रांस में हुआ था मुकर्रम का जन्म

बता दें कि मुकर्रम जाह का जन्म 1933 में फ्रांस में हुआ था। उनकी मां राजकुमारी दुर्रु शेवार तुर्की (ओटोमन साम्राज्य) के आखिरी सुल्तान अब्दुल मजीद द्वितीय की बेटी थी। वरिष्ठ पत्रकार और हैदराबाद की संस्कृति और विरासत के जानकार मीर अयूब अली खान का कहना है कि राजकुमार मुकर्रम जाह को 1971 तक औपचारिक रूप से हैदराबाद का राजकुमार ही कहा जाता था।

जब तक कि सरकार ने उपाधियों को समाप्त नहीं कर दिया था। उन्होंने बता कि सातवें निजाम ने अपने पहले बेटे राजकुमार आजम जाह बहादुर के बजाय अपने पोते को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। इसके बाद 1967 में हैदराबाद के अंतिम पूर्व शासक के निधन पर मुकर्रम जाह आठवें निजाम बन गए थे। मुकर्रम जाह शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। लेकिन बाद में वह तुर्की में रहने लगे थे।

दादा से विरासत में मिली थी अकूत संपत्ति

मुकर्रम जाह या उनके दादा को विरासत में मिली अकूत संपत्ति में गिरावट के विवरण का अभाव है। लेकिन अपने वक्त में मुकर्रम जाह ने कभी भी किसी के भी प्रति दया भाव नहीं दिखाया। पत्रकार अयूब अली खा ने बताया कि हैदराबाद के लोगों को आस थी कि राजकुमार मुकर्रम जाह गरीबों के लिए काफी कुछ करेंगे। क्योंकि उन्हें अपने दादा से अकूत धन-दौलत विरासत में मिली थी। जो एक वक्त में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मुकर्रम ने तुर्की की राजकुमारी से किया था निकाह

मुकर्रम जाह ने अपना पहला निकाह 1959 में तुर्की की राजकुमारी इसरा से किया था। याउंदी डॉट कॉम में प्रकाशित एक इंटरव्यू में राजकुमारी इसरा हैदराबाद में अपने वैवाहिक जीवन के बारे में बात करती हैं। इस इंटरव्यू में वे बताती हैं कि कैसे विरासत में मिली संपत्तियों और परिवार के महलों को सहेजकर रखना उनका शौक बन गया। उन्होंने कहा कि ‘मैं हमेशा शहर के लिए कुछ करना चाहती थी। लेकिन यह थोड़ा मुश्किल था क्योंकि जब मेरी शादी हुई तो मेरे शौहर के दादा जिंदा थे और मुझ पर तब कई पाबंदियां थी। हालांकि उनके निधन के बाद हम काफी कुछ कर सकते थे। लेकिन तब कई समस्याएं थीं। कर 98 प्रतिशत था। फिर हमारे विशेषाधिकार और जमीन छीन ली गई।’

‘महल ऐसा जैसे लूट मचाई गई हो’

राजकुमारी इसरा ने बताया कि ‘बाद में हमारा तलाक हो गया और 20 साल बाद मुकर्रम जाह ने मुझे वापस आने और उनकी मदद करने के लिए कहा था। क्योंकि वह कई समस्याओं से घिरे हुए थे। जब मैं वापस आई तो पूरा महल ऐसा लगता था कि वहां नादिर शाह ने दिल्ली की लूट मचाई थी। कुछ नहीं बचा था, हमसे सब कुछ ले लिया गया था।’

हैदराबाद में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

बता दें कि मुकर्रम जाह के पार्थिव शरीर को हैदराबाद स्तिथ उनके चौमहल्ला पैलेस लाया जा रहा है। उनके पार्थिव शरीर को फ्लाइट के जरिए यहां लाया जा रहा है। जाह के पार्थिव शरीर को 18 जनवरी को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक खिलवत पैलेस में रखा जाएगा। जहां लोग उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे। इसके बाद उन्हें आसफ जाही कब्रगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

तेलंगाना सीएम ने दिए ये निर्देश

मुकर्रम जाह के कार्यालय की ओर से जारी किए गए एक बयान के मुताबिक भारत में सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की उनकी इच्छा के मुताबिक उनके बच्चे पार्थिव शरीर लेकर आज हैदराबाद आएंगे। राजकुमार मुकर्रम जाह के निधन पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शोक व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निजाम के उत्तराधिकारी के तौर पर गरीबों के लिए शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्रों में समाज सेवा के लिए उनका उच्च राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया है।

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