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पत्नी को जज बनाने के लिए पति ने छोड़ी बैंक की नौकरी, बच्चे संभालें, पत्नी ने भी टॉप कर दी खुशखबरी

जयपुर की बेटी बनी हरियाणा की बहू मंजुला कहती हैं, ये सफर मुश्किल था लेकिन ये यकीन था कि मंजिल जरूर मिलेगी। मैं जयपुर से हूं और शादी 2009 में हरियाणा में हुई।
10:35 AM Sep 17, 2022 IST | Sunil Sharma
पत्नी को जज बनाने के लिए पति ने छोड़ी बैंक की नौकरी  बच्चे संभालें  पत्नी ने भी टॉप कर दी खुशखबरी

उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में टॉप करने वाली मंजुला भालोटिया जयपुर से हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यूपी उच्च न्यायिक सेवा का परिणाम जारी हुआ है इसमें मंजुला ने टॉप किया और जज बनी हैं। मंजुला के अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर चयनित होने से परिवार में खुशी का माहौल है।

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पढ़ाई में बचपन से ही अव्वल रही

मंजुला कहती हैं, जयपुर के टैगोर स्कूल से पढ़ी, सीबीएससी आर्ट्स में टॉप करने के बाद अजमेर के सोफिया कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद आगे पढ़ने के लिए मैं यूके चली गई। वहां लीड्स यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। इसके बाद मेरा प्लेसमेंट बार्कलेज बैंक में प्लेसमेंट हो गया वहां दो साल नौकरी की। कुछ समय वहां काम करने के बाद पापा ने कहा अब वापस आ जाओ। तब मैंने तय किया कि मैं देश में रहकर ही कुछ करुं गी। वापस आकर राजस्थान विवि से एलएलबी की।

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पति ने दिया साथ

मंजुला बताती हैं, अक्टूबर 2009 में शादी हरियाणा के रोहतक के सुमित से हुई। शादी के बाद एलएलबी पूरी हुई। मंजुला बताती हैं, पढ़ने में मेरी रुचि को देखते हुए सुमित ने मेरा हर कदम पर साथ दिया। वे कहते थे कि तुम जो करना चाहो वो करो। वे कहते थे कि कभी जीवन में तुम्हें बाद में ऐसा कोई रिग्रेट ना रहे कि उस समय साथ दिया होता तो मैं वो कर सकती थी, ये कर सकती थी। सुमित की हौसला अफजाई की वजह से ही मैं इस मुकाम पर पहुंच पाई हूं। वे बैंक में जॉब करते थे लेकिन मैं पढ़ाई पर ध्यान दे सकूं इसके लिए उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी और बच्चों को संभाला और मेरी जिम्मेदारियां कम की।

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जयपुर की बेटी बनी हरियाणा की बहू मंजुला कहती हैं, ये सफर मुश्किल था लेकिन ये यकीन था कि मंजिल जरूर मिलेगी। मैं जयपुर से हूं और शादी 2009 में हरियाणा में हुई। मैं डिफरेंट कल्चर से आई हूं और यहां का कल्चर एकदम अलग था। जब शुरु-शुरू में ये सब आपस में बात करते तो मुझे लगता था कि ये अब आपस में लड़ने वाले हैं और मैं थोड़ा सहमकर अपने कमरे में चली जाती थी। यहां का लहजा ही ऐसा था। ऐसे में मैंने खुद को एडजस्ट किया। जब जयपुर जाती तो सब पूछते कि अजीब नहीं लगता वहां, पर अब तो बच्चे भी यही भाषा बोलते हैं, धीरे-धीरे मैं उस माहौल की आदी हो गई।

मंजुला के ससुर कॉलेज से सेवानिवृत्त प्राचार्य हैं और सास भी कॉलेज प्राचार्य हैं। 2016 में मंजूला नें लॉ की परीक्षाओ में हिस्सा लेने का फैसला किया। 2020 में उन्होंने यूपी ज्यूडिशियल सर्विस की परीक्षा दी और अगस्त 2022 में इस परीक्षा के लिए इंटरव्यू हुए और उन्हें पहला स्थान प्राप्त हुआ। जज के पद पर चयनित होने वाली मंजुला के पिता झुंझनू में कृषि करते थे। किसान पिता की ये बेटी शादी से पहले मंजुला खेत में ट्रैक्टर से हल भी चलाया करती थीं। तेज गर्मी में वे खेत में काम करने से भी पीछे नहीं हटती थीं।

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