जयपुर एयरपोर्ट से लड़कियों की तस्करी, 12 नेपाली लड़कियों को बेचने के लिए भेजा जा रहा था खाड़ी देश
जयपुर। राजस्थान के जयपुर एयरपोर्ट पर मानव तस्करी का मामला सामने आया है। एयरपोर्ट पर पुलिस ने 12 नेपाली लड़कियों को रेस्क्यू किया है। इन्हें इथियोपिया ले जाया जा रहा था। एयरपोर्ट थाना पुलिस को नेपाल दूतावास के जरिए नेपाली लड़कियों के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद 12 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया है।
पुलिस की जानकारी के मुताबिक, 12 नेपाली मूल की लड़कियों को एयरपोर्ट पर रोका जिन्हें इथियोपिया के रास्ते खाड़ी देशों में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद डीसीपी ईस्ट राजीव पचार ने एयरपोर्ट पर एक टीम तैनात की। नेपालियों लड़कियों से पूछताछ कर उन्हें थाने ले कर आई। इन लड़कियों ने बताया- वह नेपाल से दिल्ली में काम के लिए आई थीं। उन्हें अलग-अलग कुछ लोगों ने विदेश में काम दिलाने की बात कही। इस पर सब राजी हो गईं। सभी लड़कियां नेपाल के अलग-अलग जिलों की रहने वाली हैं। इन्हें अभी जयपुर के महिला निकेतन में रखा जाएगा।
जयपुर एयरपोर्ट थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि नेपाली दूतावासों से सूचना मिली कि खाड़ी देशों में नेपाली लड़कियों को काम के बहाने बेचा जा रहा है। नेपाल और दिल्ली में अधिक सख्ती होने के कारण जयपुर के रास्ते लड़कियों की तस्करी की जा रही है। शुक्रवार को सूचना के आधार पर पुलिस ने फ्लाइट से इथोपिया जाने वाले नेपाली लड़कियों की यात्रा रोकने की सूचना दी। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि इन लड़कियों को इथियोपिया के रास्ते खाड़ी देश भेजा जा रहा था। लड़कियों को काम दिलाने का लालच देकर झांसे में लिया जाता है और फिर उन्हें वहां ले जाकर बेच दिया जाता है। पुलिस ने सभी 12 लड़कियों को नारी निकेतन में भेज दिया है। साथ ही नेपाल दूतावास को भी लड़कियों के बारे में सूचना दे दी है।
एयरपोर्ट थाना प्रभारी ने बताया कि जैसे ही उन्हें लड़कियों की तस्करी की जानकारी मिली। सादा वर्दी में पुलिस ऑफिसर एयरपोर्ट के आसपास तैनात किए गए। सभी लड़कियां अलग-अलग टैक्सी से अकेली एयरपोर्ट पहुंची। सभी से पूछताछ में पुलिस को ह्यूमन ट्रैफिकिंग की जानकारी मिली। लड़कियों के अकेले होने से पुलिस उन लोगों तक नहीं पहुंच पाई जो लोग इन्हें विदेश भेज रहे थे। गिरफ्तार की गई सभी लड़कियां हिंदी और इंग्लिश नहीं जानती हैं। इन लड़कियों को केवल नेपाली भाषा आती है। इसलिए नेपाल एंबेसी के लोग संपर्क कर रहे हैं। उन्हीं लोगों के डायरेक्शन पर इन लड़कियों को पहले रेस्क्यू किया गया।