राजस्थान में बिजली नहीं होगी गुल…केंद्र के दखल से अब कोल संकट पर विराम की उम्मीद, छत्तीसगढ़ से मिलेगा कोयला!
Rajasthan coal crisis : जयपुर। राजस्थान में गहराए कोयला संकट पर जल्द ही विराम लगने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के दखल के बाद अब जल्द ही छत्तीसगढ़ से राजस्थान को कोयला मिलने लगा। इसके अलावा कोयला मंत्रालय राजस्थान के पावर प्लांट्स के लिए हर दिन कोयले की 24 से 25 रैक देने की तैयारी कर रहा है, ताकि राजस्थान में बिजली गुल ना हो।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी व ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। सीएम ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का ध्यान प्रदेश में रबी सीजन के चलते बिजली की बढ़ी हुई मांग की ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (आरवीयूएन) को आवटिंत परसा ईस्ट-कांता बेसिन कैप्टिव कोल माइंस से खनन प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो पाने के कारण प्रदेश को कोयले की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इससे आरवीयूएन की लगभग 4 हजार 340 मेगावाट क्षमता की इकाइयों में विद्युत उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
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सीएम ने केंद्रीय मंत्री से की ये मांग
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली आपूर्ति तथा किसानों को 6 घंटे प्रतिदिन आपूर्ति सुनुश्चित करने के लिए केंद्र की कोयला आधारित विद्युत इकाइयों के अनावटिंत कोटे से प्रदेश को 1 हजार मेगावाट बिजली का अस्थायी आवंटन करने का आग्रह किया। साथ ही परसा ईस्ट एवं कांता बेसिन तथा परसा कोल ब्लॉक से खनन अविलंब प्रारंभ करने तथा यह खनन प्रारंभ होने तक कोल इंडिया लिमिटेड एवं इसकी सहायक कंपनियों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले कोयले की मांग के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया।
छत्तीसगढ़ से जल्द मिलेगा कोयला
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि रबी सीजन के कारण राजस्थान में बिजली की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उत्पादन निगम को रोज 23 कोल रैक की जरूरत है जबकि वर्तमान में कोल इंडिया लिमिटेड से औसतन 16.5 रैक प्रतिदिन की ही आपूर्ति हो पा रही है। इससे विद्युत उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हरसंभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया है। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से बात करके परसा कोल ब्लॉक से खनन करने में आ रही दिक्कतों का शीघ्र समाधान निकालने के लिए भी आश्वस्त किया। इसके अलावार कोल संकट के समाधान करने के लिए केन्द्र सरकार की टीम राजस्थान आएगी। ऊर्जा और कोयला मंत्रालय के विशेषज्ञ इस टीम में होंगे, जो बिजली उत्पादन, प्रसारण और वितरण के मौजूदा मैकेनिज्म की समीक्षा करेंगे।
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अधिकांश थर्मल में कुछ दिन का ही कोयला शेष
राजस्थान में थर्मल आधारित बिजली उत्पादन की कुल 23 यूनिट है। कोटा थर्मल में 3 दिन, सूरतगढ़ थर्मल व छबड़ा थर्मल में 1 दिन, छबड़ा सुपर क्रिटिकल में 5 दिन, कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 4 दिन का कोयला बचा है। हालांकि, सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल में 7 दिन का कोयला शेष है। लेकिन, विदेशी कोयले को हटा दे तो यहां पर भी सिर्फ 4 दिन का कोयला है। सभी पावर प्लांट को फुल लोड पर चलाने के लिए हर दिन 23 रैक कोयले की दरकार है। लेकिन, अभी कोल इंडिया से औसतन 15 रैक ही कोयला मिल रहा है। हालांकि, अब माना जा रहा है कि केंद्र की ओर से कोयले की र्प्याप्त आपूर्ति कराई जाएगी।