दो करोड़ घूसकांड में फंसी SOG ASP दिव्या को निलंबित करने की तैयारी में जुटा गृह विभाग, आज कोर्ट में पेशी
जयपुर। दो करोड़ घूसकांड मामले में फंसी अजमेर एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसीबी की टीम दोपहर एक बजे आरोपी दिव्या मित्तल को जयपुर से लेकर अजमेर के लिए रवाना हुई। एसीबी की टीम दिव्या मित्तल को अजमेर कोर्ट में पेश पर रिमांड मांगेगी, ताकि पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हो सके। इधर, गहलोत सरकार ने एसओजी में एएसपी दिव्या मित्तल को निलंबित करने की तैयारी शुरू कर दी।
घूसकांड मामले में पकड़े जाने के बाद गृह विभाग दिव्या को निलंबित करने की तैयारियों में लगा हुआ है। सूत्रों की मानें तो आज दिव्या मित्तल को निलंबित किया जा सकता है। बता दें कि दो करोड़ की रिश्वत मांगने वाली एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को जयपुर एसीबी टीम ने सोमवार को अजमेर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद दिव्या को टीम जयपुर लाई थी। जहां से आज दिव्या को कोर्ट में पेशी के लिए अजमेर लेकर जाया जाएगा।
मित्तल के पास मिली करोड़ों रुपए की संपत्ति
इधर, एसीबी ने मित्तल के अजमेर, उदयपुर, झुंझुनूं और जयपुर के कुल 5 ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया, जो देर रात तक जारी रहा। एसओजी की इस महिला पुलिस अधिकारी के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति एसीबी को मिली है। इसके पास आलीशान बंगले से लेकर रिसोर्ट तक मिला है। दस्तावेजों में कई प्रॉपटी से जुड़े और बैंक अकाउंट से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। उदयपुर में रिसोर्ट, जयपुर में फ्लैट और चिड़ावा में आलीशान घर और फार्म हाउस मिला है।
बर्खास्त सिपाही के जरिये मांगी थी रिश्वत
एसीबी को शिकायत देने वाले परिवादी ने बताया कि उसके खिलाफ एसओजी में मादक पदार्थों की तस्करी के मामले दर्ज हैं, जिनमें गिरफ्तार नहीं करने की एवज में महिला जांच अधिकारी ने अपने दलाल सुमित कुमार (बर्खास्त सिपाही) के जरिए खुद के लिए और अपने उच्च अधिकारियों का नाम लेकर यह राशि मांगी थी। एसीबी ने परिवादी की शिकायत का सत्यापन कराया तो सामने आया कि आरोपियों ने परिवादी के अनुनय-विनय करने पर पहले 1 करोड़ लेने फिर 50 लाख रुपए की मांग पर सहमति जाहिर की। रिश्वत के रूप में 25 लाख रुपए पहले लेने एवं 25 लाख रुपए परिवादी की बहन की शादी के बाद लेने पर राजी हुए। हालांकि इस दौरान इन्हें एसीबी कार्रवाई का अंदेशा हुआ तो इन्होंने रिश्वत की राशि परिवादी से नहीं ली। इस कारण से एसीबी इन्हें रंगे हाथ रिश्वत लेते नहीं पकड़ सकी।
ऐसे जाल में फंसी दिव्या
परिवादी ने एसीबी एडीजी दिनेश एमएन से शिकायत की। उन्होंने एएसपी बजरंग सिंह के नेतृत्व में टीम बनाई। 4 जनवरी, 2023 को शिकायत दी। 7 जनवरी को एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया। 9 जनवरी को फोन कर परिवादी को 10 जनवरी को एसओजी कार्यालय में आने के लिए कहा। परिवादी ने 12 जनवरी तक का समय मांगा। इस दिन एसीबी पूरी तैयारी के साथ पहुंची। दो करोड़ से एक करोड़ और फिर एक करोड़ से 50 लाख रुपए की घूस लेने पर बात बनी, लेकिन एसीबी आने की भनक लगते ही सुमित भाग गया। एसीबी ने आरोपी सुमित के लिए कोर्ट से सर्च वारंट लेने की प्रक्रिया शुरू की। 16 जनवरी को सर्च वारंट मिलने पर एसीबी ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इससे पहले 3 जनवरी को परिवादी मित्तल से मिलने गया तो उसने उसे उदयपुर बुलाया। फिर नाथद्वारा बुलाया। जहां से सुमित उसे एस्कॉर्ट करते हुए नेचर हिल्स ले गया। वहां सभी कपड़े उतरवाकर परिवादी तलाशी ली गई। गौरतलब है कि अजमेर पुलिस ने मई, 2021 में 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाइयां पकड़ी थीं। इसकी जांच एसपी दिव्या मित्तल कर रही थी।