निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के वॉइस सैम्पल टेस्ट को लेकर हुई सुनवाई
दवा कम्पनी के मालिक से दो करोड़ रुपए की रिश्वत राशि मांगने वाली निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के वॉइस सैम्पल टेस्ट को लेकर आज बुधवार को न्यायालय में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गई। न्यायाधीश ने आदेश के लिए 10 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को जेल भेजा था। वहीं 20 जनवरी को दिव्या मित्तल के वॉइस टेस्ट के लिए सीजेएम के समक्ष अर्जी पेश की थी। इस अर्जी पर सीजेएम ने एसीजेएम 1 को सुनवाई के लिए अधिकृत किया था।
मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। जिसमें एसीबी के जांच अधिकारी डीएसपी मांगीलाल ने न्यायालय के समक्ष रितेश सिन्हा का न्यायिक दृष्टांत पेश किया और बताया कि न्यायालय किसी भी आरोपी को वॉइस सैम्पल देने के लिए बाध्य कर सकती है। वहीं आरोपी एएसपी दिव्या मित्तल के एडवोकेट प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि उनकी ओर से न्यायालय के समक्ष कई न्यायिक दृष्टांत पेश किए गए और न्यायालय को बताया कि इस तरह का कोई प्रावधान ही नहीं है।
वहीं एसीबी जांच एजेंसी है, वही सब सबूत एकत्रित करे, वह न्यायालय को सबूत एकत्रित करने के लिए आदेशित नहीं कर सकती है। सोनी ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने कहा कि जब आरोपी दिव्या मित्तल एसीबी की कस्टडी में थी तब उन्होंने उनका वॉइस सैम्पल टेस्ट या अन्य सबूत क्यों एकत्रित नहीं किए जो अब न्यायालय के जरिए एकत्रित करने के प्रयास कर रहे हैं?न्यायाधीश गौरव गर्वा ने दोनों पक्षों की दलीलें व उनके न्यायिक दृष्टांत को सुना, इसके बाद उन्होंने आगामी 10 फरवरी को इस पर फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है।
आपको बता दें कि आज न्यायालय में आरोपी एएसपी दिव्या मित्तल को नहीं लाया गया। एसीबी की ओर से पिछले दिनों हुई नियत पेशी में दिव्या मित्तल की 17 फरवरी तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाई थी। अब 17 फरवरी को उनकी फिर नियत पेशी होगी।
रिपोर्ट- नवीन वैष्णव