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जयपुर: 15 जनवरी हो होगा हवामहल फेस्टिवल का आयोजन, ये होंगे मुख्य आकर्षण

Hawamahal Festival 2023: पर्यटन विभाग की ओर से 15 जनवरी को हवामहल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। हवा महल के झरोखे उत्सव का साक्षी बनेंगे।
06:30 PM Jan 13, 2023 IST | ISHIKA JAIN
जयपुर  15 जनवरी हो होगा हवामहल फेस्टिवल का आयोजन  ये होंगे मुख्य आकर्षण

Hawamahal Festival 2023: जयपुर। पर्यटन विभाग की ओर से 15 जनवरी को हवामहल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। हवा महल के झरोखे सांस्कृतिक और पुरा महत्व के स्मारकों को सहेजने के लिए आयोजित सांस्कृतिक विरासत उत्सव का साक्षी बनेंगे। इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देशी-विदेशी सैलानियों सहित जयपुर वासियों में विरासत के प्रति चेतना और उनके संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित करना है।

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हवामहल फेस्टिवल के दौरान लोक गीत, संगीत, पारंपरिक खानपान और मनोरंजन का संगम होगा। वहीं रात 8:30 बजे से रात 12:00 बजे तक चलने वाले इस फेस्टिवल के जरिए नाइट टूरिज्म का विशेष आकर्षण भी देखने को मिलेगा। बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक और ख्वासजी के रास्ते तक का क्षेत्र रंग बिरंगी रोशनी से सराबोर रहेगा। गौरतलब है कि हवामहल बाजार के नाम से पहचाने जाने वाले क्षेत्र में जयपुर का सबसे दर्शनीय पर्यटन स्थल हवामहल तो मौजूद है ही। इसके साथ ही सवाई मानसिंह टाउन हॉल ( पुरानी विधानसभा), रामप्रकाश सिनेमा, अयोध्या पोल क्षेत्र के मंदिर और हवेलियां जयपुर के इस बाजार को हेरिटेज वॉक वे कॉरिडोर का दर्जा देते हैं।

हवामहल फेस्टिवल की रूपरेखा

बता दें कि कार्यक्रम रात 8:30 से 12:00 तक आयोजित किया जाएगा। मुख्य कार्यक्रम हवामहल के सामने रात 8:30 बजे से 10:00 बजे तक होगा। वहीं बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक तक कई कार्यक्रमों का आयोजन दुकानों के आसपास खाली स्थानों पर किया जाएगा। फेस्टिवल के दौरान सैलानी खरीदारी कर सकेंगे, जिसमें जयपुरी रजाईयां, मोजडी, राजस्थान के परम्परागत लहंगा-चोली, बंधेज के कपड़े, साफा आदि शामिल हैं। वहीं कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखते हुए जयपुर और राजस्थान के पारंपरिक खानपान का स्वाद ले सकेंगे।

Hawamahal Festival 2023: आकर्षण के केंद्र

पुष्कर का नगाड़ा बैंड, लाइव म्यूजिक पर कथक प्रस्तुतियां, पाबूसर के कलाकारों का थाली नृत्य, ढोल वादन, गैर नृत्य, चंग की थाप पर थिरकते कलाकारों की यात्रा, बड़ी चौपड़ पर जयपुर ब्रास बैंड की प्रस्तुति, सवाई मानसिंह टाउन हॉल पर बैंड वादन, फड़ पेंटिग्स साथ भोपा- भोपी के किस्से बहरूपियों का स्वांग, लंगा कलाकारों के गीत, मैजिक शो, कठपुतली प्रदर्शनी, माटी कलाकारों के प्रदर्शन, फायर पेंटिंग करते कलाकार, फिरकी, बांसुरी और रावणहत्था बेचने वाले, तोता पंडित, टैरो कार्ड रीडर बैलून शूटिंग, लाइव स्कैच बनाते कलाकार, मैरी गो राउंड मनोरंजन के साथ साथ आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

गुलाबी नगरी की शान है हवामहल

हवा महल को सन 1799 ई. में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। इसे वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया। इसकी अद्वितीय पांच-मंजिला इमारत में 953 बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियां हैं। जिन्हें झरोखा कहते हैं। इन झरोखों से हमेशा ठंडी हवा महल के भीतर आती रहती है। जिसके कारण तेज गर्मी में भी महल सदा वातानुकूलित रहता है। चूने, लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल जयपुर के व्यापारिक केंद्र के हृदयस्थल में मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह सिटी पैलेस का ही हिस्सा है और महिला कक्ष तक फैला हुआ है।

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