H3N2 Influenza Virus : राजस्थान भी अछूता नहीं, कोटा, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर में बढ़ रहे मामले, इस तरह करें बचाव
H3N2 Influenza Virus : देशभर में H3N2 वायरस कहर बरपा रहा है। इस वायरस से कर्नाटक और हरियाणा में दो लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद पूरे देश में चिंता बढ़ गई है। अब देश में H3N2 वायरस के लगभग 90 मामले सामने आ चुके हैं। इसे ‘हांगकांग फ्लू’ का नाम भी दिया गया है। यह वायरस दूसरे इन्फ्लुएंजा सब-वेरिएंट की तुलना में अधिक शक्तिशाली साबित हो रहा है। राजस्थान में भी इस बीमारी के कई मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले उदयपुर, जोधपुर, कोटा और अजमेर से आ रहे हैं।
ओपीडी पर सबसे ज्यादा मरीज H3N2 Influenza Virus के
राजस्थान की बात करें तो यहां पर अभी इस वायरस से किसी की मौत नहीं हुई है लेकिन दिन ब दिन मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी पर आने वाले मरीजों में से इस बीमारी से ग्रसित मरीज ज्यादा हैं। कोटा, अजमेर, जोधपुर और उदयपुर के अस्पतालों में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया हुआ है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसे लेकर एडवाइजरी जारी कर चुके हैं।
कोरोना जैसा ही है H3N2 Influenza Virus
H3N2 वायरस में कोरोना जैसे ही लक्षण हैं। यह बीमारी बुजुर्गों और बच्चों में ज्यादातर देखी जा रही है क्योंकि कोरोना वायरस की तरह ही यह भी कमजोर इम्यूनिटी वालों पर तेजी से प्रहार कर रहा है, इसलिए इसकी जद में कमजोरी में प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग ज्यादा आ रहे हैं। बता दें कि H3N2 वायरस एक तरह का इनफ्लुएंजा वायरस है। यह सांस से संबंधित बीमारियां पैदा करता है। कोरोना वायरस से तुलना करने पर के विशेषज्ञ इससे कई कहीं हद तक कोरोना जैसा ही बताते हैं। इसके बचाव के लिए भी उन्होंने उन गाइडलाइंस का पालन करने की जरूरत बताई है जो कोरोना के दौरान की जाती थी।
यह है लक्षण
हाल ही में आईसीएमआर ने इस वायरस से होने वाली बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी की थी। उन्होंने इस बीमारी के मामले में विस्तृत जानकारी दी थी, जिसमें इनके लक्षणों के बारे में भी बताया गया था। जैसे-
1-बुखार के साथ गले में खराश
2-खांसी
3-शरीर में दर्द
4- लगातार नाक बहना
5- दस्त, उल्टी, सांस फूलना
कमजोर इम्यूनिटी वालों पर निशाना, सबसे ज्यादा बच्चे-बुजुर्ग हो रहे बीमार
ICMR की एडवाइजरी में कहा गया था कि यह वायरस भी म्यूटेशन करता है इसलिए इसका स्वरूप बदलता रहता है जो व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आ जाता है उसका इम्यून सिस्टम काफी वीक हो जाता है। आईसीएमआर का कहना है कि इस वायरस से ग्रसित मरीज 10 से 12 दिन तक ज्यादा बीमार रहता है, कुछ मामले में बच्चों की हालत तो यह हो जाती है कि उन्हें ICU तक में भर्ती कराना पड़ता है। इस बीमारी में बुखार तो तीन-चार दिनों के बाद चला जाता है लेकिन 3 हफ्ते तक खांसी नहीं जाती है।
इस तरह करें बचाव
आईसीएमआर की एडवाइजरी में इस बीमारी से बचने के उपाय भी बताए गए थे जिसमें सबसे पहले मास्क को प्राथमिकता देना बताया गया था। कोरोना काल जैसे ही हमें इस वायरस में भी मास्क का प्रयोग जरूर करना होगा, जिस से ग्रसित व्यक्ति की बीमारी हमें ना लगे ना ही हमारी बीमारी किसी दूसरे को… क्योंकि यह सांस संबंधित बीमारी है और सांस के द्वारा यानी कि कोरोना की तरह ही यह भी ड्रॉपलेट्स के द्वारा फैलती है। इसलिए मास्क इस बीमारी को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक साबित होता है।
2 गज की दूरी मास्क है जरूरी
1- खुद से ही एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने से बचें
2- इस तरह के लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह लें
3- खुद ही घर पर इसका इलाज न करें
4- बुखार और शरीर में दर्द होने पर पैरासिटामॉल ले सकते हैं
5- सोशल डिस्टेसिंग रखें
6- किसी भी चीज को स्पर्श करने से पहले और बाद हाथ जरूर धुलें