Guchu Pani: घने जंगलों के बीच बनी है गुचु पानी गुफा, कभी धन छिपाने के लिए डाकू करते थे इसका इस्तेमाल
Guchu Pani: उत्तराखंड में कई ऐसे स्थान हैं जिन्हें देखने के लिए लोग दुनियाभर से आते हैं। इसे देवभूमी के नाम से जाना जाता है। चार धाम, तीर्थ नगरी और धर्म नगरी के अलावा भी यहां कई ऐसी जगहें हैं, जो पर्यटकों के बीच रोमांच का विषय बनी हुई हैं। राज्य की राजधानी देहरादून में मंदिर, गुरूद्वारे, झरने और झीलों जैसे कई दिलचस्प विजिट पॉइंट है, जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है।
यहां का बुद्धा मंदिर हो या टपकेश्वर महादेव, टी गार्डन हो या सहस्त्रधारा सभी स्थान अपने आप में अनोखे हैं। ऐसी ही जगह है रॉबर्स केव जो शहर से आठ किलोमीटर दूर है। रोबर्स केव का अर्थ होता है ‘डाकुओं की गुफा’। इसे गुचु पानी के नाम से भी जाना जाता है। हर दिन सैंकड़ों पर्यटक इस गुफा का आनंद लेने पहुंच जाते हैं। यहां जाने के रास्ते जितने आसान हैं, उतने ही प्यारे यहां के नजारे होते हैं। यहां जाने के कुछ अलग नियम हैं और इसका इतिहास भी रोचक है।
क्यों कहलाई डाकुओं की गुफा (Guchu Pani)
रॉबर्स केव को स्थानीय लोग गुचु पानी के नाम से जानते हैं। यह उत्तराखण्ड के देहरादून का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यह गुफा देश की स्वाधीनता से पहले ब्रिटिश काल की है। इस दौरान (Guchu Pani) डाकू जो भी धन चुराकर लाते थे, उसे यहीं आकर छुपा देते थे। यहां के रास्ते इतने गुप्त थे, कि अंग्रेजों का यहां तक पहुंचना मुमकिन नहीं था। कई बार डाकू धन चुराने के बाद यहीं छुप जाते थे। इसलिए इसका नाम डाकुओं की गुफा हो गया।
अंग्रेज इसे रॉबर्स केव के नाम से जानते थे। दरअसल यह गुफा इतनी गहरी और अस्पष्ट है कि 10 मीटर दूर खड़े व्यक्ति को भी ठीक से पहचाना नहीं जा सकता। गुफा के अंदर चुना पत्थर की ऊंची चट्टान से पानी गिरता है। यहां हर समय कल-कल करती पानी की आवाज सुनाई देती है। घने जगंलो के बीच बनी यह गुफा एक प्राकृतिक स्थान है। गुफा ने बीच से बहने वाली नदी का पानी इतना साफ होता है, कि कंकड़-पत्थर भी आसानी से नजर आ जाते हैं।
गुफा के बारे में
रॉबर्स केव देहरादून शहर के परेड ग्राउंड से करीब आठ किलोमीटर दूर है। अपनी कुदरती सुंदरता के कारण लोग यहां समय व्यतीत करने आते हैं। वर्तमान में गुचु पानी जाने के लिए पैंतीस रूपये का टिकट लगता है। इस गुफा के अंदर से एक छोटी सी जलधारा बहती है। यह गुफा लगभग 600 मीटर लंबी है, जो कि दो मुख्य (Guchu Pani) भागों में विभाजित है। इस गुफा का सबसे ऊंचा झरना 10 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। गुफा के बींचो-बीच एक प्राचीन किले की दीवार बनी हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह टूट गयी है। इस प्रकार प्राकृतिक रूप से इस गुफा का गठन हुआ। गुचु पानी के अंदर से नदियां बहती हुई बाहर की तरफ आती है।
भारत का 27वां राज्य उत्तराखण्ड
उत्तराखंड को उत्तरांचल के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर भारत में स्थित इस राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 को सत्ताईसवें राज्य के रूप में हुआ था। इस राज्य की सीमा पर उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल देश बसे हुए हैं। राज्य के पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से इसकी सीमा लगती है। उत्तराखंड का उच्च न्यायालय नैनीताल में है।
(Also Read- जानिए कितनी लाभदायक है तुलसी, 2 से 3 वर्ष तक ही हरी रहती है इसकी पत्तियां)