होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है अमरूद, वेस्ट इंडीज से मानी जाती है इसकी उत्पत्ति

01:29 PM Jan 13, 2023 IST | Supriya Sarkaar

सर्दियों का मौसम आते ही फलों में सबसे पहले अमरूद को याद किया जाता है। इसकी महक ही इतनी मजेदार होती है कि लोग इसका सेवन करने को बरबस खिंचे चले जाते हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दी के मौसम में इसका सेवन करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। अमरूद खाने में तो स्वादिष्ट लगता ही है, साथ ही सेहत के लिहाज से भी इसे फायदेमंद माना जाता है। लेकिन इसे खाते समय सावधानी भी बरतनी पड़ती है। इसे खाने से शरीर को कई रोगों से छुटकारा मिलता है, तो इसका सेवन करने से कुछ नुकसान भी होते हैं। बात करें इसके उत्पादन की तो विश्व में सबसे अधिक भारत में इसका उत्पादन किया जाता है। जबकि राजस्थान में कुल उत्पादन का 60 प्रतिशत अमरूद पैदा किया जाता है। यहां का सवाईमाधोपुर जिला अमरूद की पैदावार के लिए जाना जाता है।     

अमरूद के अन्य नाम 

अमरूद को प्राचीन काल में अमृत या अमृत फल नाम से जानते थे। जो कि संस्कृत नाम है। वर्तमान में भी उत्तरप्रदेश के बनारस में अधिकतर लोग इसे अमृत नाम से ही पुकारते हैं। इसे अंग्रेजी में गुवावा कहा जाता है। अन्य भाषाओं में भी अमरूद के कई नाम हैं। लैटिन भाषा में इसे सिडियम गुआजावा, हिंदी में अमरूद तथा जामफल, तेलुगू में एत्ताजम तथा जमाकाया तमिल में कोय्या, सेगाप्पूगोया, सेगपु, सिरोगोय्या, सेन्गोया तथा गोय्या, मराठी में जम्बा, संस्कृत में दृढबीजम्, मृदुफलम्, अमृतफलम्, पेरुक तथा बिही, उर्दू में अमरूद, ओड़िया में बोजोजामो, असम में मधुरियम व मुहुरियम, कन्नड़ में जामफल, गुजराती में जमरुड व जमरूख, बंगाली में गोएच्ची, पेयारा तथा पियारा, नेपाली में अम्बा, अमबक तथा अमूक, पंजाबी में अंजीरजाड, मलयालम में कोय्या, मलक्कापेरा, पेरा तथा टुपकेल, अरबी में जुडाकनेह, कामशरणी कहा जाता है।

फायदे तथा नुकसान

अमरूद में विटामिन सी, विटामिन ए तथा बी, लोहा, चूना तथा फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके औषधीय गुण कई तरह के रोगों को दूर करने के लिए कारगर साबित होते हैं। आयुर्वेद में अमरूद के कई फायदे बताए गए हैं। इसका औषधीय गुण डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करता है। मुंह में छाले होने पर, मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण व बुखार होने पर मानसिक रोगों तथा मिर्गी में भी इसका सेवन लाभदायक माना जाता है। इसके सेवन से कई नुकसान भी होते हैं। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से मना किया जाता है। इनमें मौजूद फाइबर की अधिक मात्रा से गर्भवती महिलाओं में डायरिया होने की संभावना रहती है।

वानस्पतिक नाम

अमरूद का वानस्पतिक नाम सीडियम ग्वायवा है। यह सीडियम प्रजाति तथा ग्वायवा जाति व मिटसी कुल का एक फल देने वाला वृक्ष है। इसकी उत्पत्ति के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अमरूद की उत्पति वेस्ट इंडीज से हुई है। कहा जाता है कि इसे 17वीं शताब्दी में भारत में लाया गया था।

(Also Read- Vegetable Benefits: जाने कैसी सब्जी है सेहत के लिए फायदेमंद कच्ची या उबली)

Next Article