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'ये अंजाम तो होना ही था', डोटासरा ने राठौड़ पर साधा निशाना, बोले-'4 जून को खत्म हो जाएगा BJP नेता का सियासी कॅरियर'

Lok Sabha Election 2024: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि चूरू लोकसभा सीट का रिजल्ट आने के साथ भाजपा नेता राठौड़ का कॅरियर समाप्त हो जाएगा।
12:29 PM May 02, 2024 IST | BHUP SINGH

Lok Sabha Election 2024: जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव की वोटिंग हो चुकी है, लेकिन सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ (Rajendra Singh Rathore) पर निशाना साधा है। डोटासरा ने कहा कि चूरू लोकसभा का चुनाव कांग्रेस जीतेगी और इसके साथ ही राजेंद्र सिंह राठौड़ का सियासी कॅरियर खत्म हो जाएगा।

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'ये अंजाम तो होना ही था'

डोटासरा ने कहा, राजेंद्र राठौड़ को इस बात का बुरा नहीं लगना चाहिए कि उनका पॉलिटिकल कॅरियर का ग्राफ नीचे आया है। चाहे चुनाव में नेताओं की टिकट कटवाना हो या फिर वुसंधरा राजे से अनबन की खबरें आती रही हों, जिस तरह की राजनीति उन्होंने की है, 'ये अंजाम तो होना ही था।' 7 बार चुनाव जीतना कोई छोटी बात नहीं है। मैं तो मानता हूं कि सात बार जीता हुआ नेता, जो राजनीति का मंझा हुआ खिलाड़ी है, वो अहम समय में कैसे सुपर फ्लॉप हो गया?

'राठौड़ हमारे से लिए एक सबक है'

डोटासरा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ के लिए तो मंथन का विषय ही है पर हम जैसे नेताओं के लिए ये घटना एक सबक है कि सियासत में जितनी चादर हो पैर उतने ही पसारने चाहिए। राठौड़ ने मुझे सात बार चुनाव जीतने की चुनौती दी थी। मैं मानता हूं कि ये आसान काम नहीं है। हो सकता मैं 7 बार चुनाव ही नहीं लड़ूं, लेकिन हम जैसे नेता राठौड़ के कॅरियर से सबक जरूर ले सकते हैं।

चूरू का परिणाम तय करेगा राठौड़ का भविष्य

गौरतलब है कि राजेंद्र राठौड़ और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच सियासी अदावत विधानसभा चुनाव से चली आ रही है। खासतौर पर विधानसभा चुनाव में तारानगर सीट पर राजेंद्र राठौड़ के चुनाव हारने के बाद बयानबाजी तेज हो गई थी। चूरू लोकसभा सीट पर राहुल कस्वां का टिकट कटने पर कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया और भाजपा ने देवेंद्र सिंह झाझड़ियां को दिया।

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राठौड़ ने झाझड़ियां के लिए पूरा दम लगा दिया जो डोटासरा से सियासी टक्कर का एक हिस्सा है। दोनों नेता समय-समय पर एक-दूसरे पर बयानों के जरिए राजनीतिक तीर चलाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में दोनों की इस अदावत का सियासी भविष्य क्या होगा ये काफी कुछ हद तक चूरू लोकसभा सीट का परिणाम तय करेगा।

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