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केवलादेव उद्यान में सरकार का नवाचार, पर्यटक ई-रिक्शा से कर सकेगे भ्रमण

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हर साल लाखों पर्यटक पक्षियों के साथ वन्यजीवों की अठखेलियां देखने आते हैं। अब केवलादेव में मैनुअल रिक्शा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के साथ ही ई-रिक्शा शुरू किए गए हैं।
10:09 PM Aug 17, 2023 IST | Kunal bhatnagar

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा विश्व पर्यावरण के क्षेत्र में शानदार पहल की है। सरकार द्वारा इस पहल की शुरुआत केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से की जा रही है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हर साल लाखों पर्यटक पक्षियों के साथ वन्यजीवों की अठखेलियां देखने आते हैं। अब केवलादेव में मैनुअल रिक्शा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के साथ ही ई-रिक्शा शुरू किए गए हैं।

मैनुअल रिक्शा पर पूरी तरह से प्रतिबंध

केवलादेव प्रशासन पर्यटक सुविधाओं के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है है। यहीं कारण है कि पर्यटकों के लिए मैनुअल रिक्शा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है और ई-रिक्शा शुरू किए गए हैं।

हर साल आते है सेकड़ो प्रवासी

हर साल सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पक्षियों के साथ ही वन्यजीवों की अठखेलियां देखने आते हैं। इस अभयारण्य में साइबेरियाई सारस भी बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं। राष्ट्रीय उद्यान में कई वेडर्स, रैप्टर्स और बत्तखों की बीस प्रजातियां देखने को मिलती है। देश के विभिन्न हिस्सों से भी यहां पर लोग बड़ी संख्या में आते है। अब तक 90 से अधिक ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुका है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कदम

ई-रिक्शा से पर्यटक कम समय में उद्यान का भ्रमण कर सकेंगे। साथ ही रिक्शा चालकों को भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही मैनुअल रिक्शा की जगह जीवाश्म-ईंधन मुक्त ई-रिक्शा ने ले ली है। जो पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी उत्कृष्ट कदम साबित होगा।

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