For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

लम्पी से मृत दुधारू गायों का सरकार देगी मुआवजा, पशुपालन विभाग के पास रिकॉर्ड नहीं, अब आंकड़े जुटाने में लगा विभाग  

09:44 AM Mar 19, 2023 IST | Supriya Sarkaar
लम्पी से मृत दुधारू गायों का सरकार देगी मुआवजा  पशुपालन विभाग के पास रिकॉर्ड नहीं  अब आंकड़े जुटाने में लगा विभाग  

लम्पी स्किन डिजीज से मरने वाली दुधारू गायों के मुआवजे के तौर पर सरकार की ओर से पशुपालकों को 40 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा के बाद अब विभाग के पास ऐसे पशुपालकों के आंकड़ें जुटाना गले की फांस बन गई है। गत वर्ष लम्पी डिजीज के कारण संक्रमित गायों और मृत पशुओं का रिकॉर्ड सुनिश्चित नहीं होने के कारण विभाग दुधारू गोवंश और किन पशुपालकों को आर्थिक सहायता दे, यह तय नहीं कर पा रहा है।

Advertisement

विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों से एलएसडी से मरने वाले गोवंश की जानकारी मांगी है, जिसमें पशुपालकों के मृत गोवंश की अलग से तथा गोशालाओं में संधारित व निराश्रित गोवंश की जानकारी अलग-अलग मांगी गई है। इसमें भी नर गोवंश, बछड़ियों व मादा गोवंश तथा दुधारू गोवंश की जानकारी भी अलग-अलग मांगी है। लेकिन ऐसी जानकारी विभाग के पास नहीं है, इसलिए अब अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।

कोरोना महामारी के दौरान भी चिकित्सा विभाग ने मृतकों के आंकड़े काफी कम बताए थे, लेकिन जब आर्थिक सहायता देने की बात आई तो यह संख्या दोगुने से अधिक हो गई। साथ ही मृतकों के परिवार से आवेदन भी मांगे गए थे। हालाकिं उसमें कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी आधार बनाया गया था, जबकि एलएसडी में न तो किसी गाय का पोस्टमार्टम हुआ और न ही सैंपल जाचं हुई।

लम्पी से राजस्थान में 76 हजार पशुओं की मौत

गौरतलब है कि लम्पी स्किन डिजीज से प्रदेश में लाखों गायों की मौत हो गई थी। लेकिन विभाग का रिकॉर्ड कुछ और ही दर्शा रहा है। जिसके अनुसार लम्पी से 15 लाख 67 हजार 217 पशु संक्रमित हुए। इनमें से 14 लाख 91 हजार 187 गायों का उपचार कर ठीक कर लिया गया। प्रदेश में 76,030 गायों की इस बीमारी के चलते मौत हुई। वहीं जयपुर की बात कि जाए तो जयपुर में 4203 पशुओं की मौत हुई। जिनमें पशुपालकों के 3366, गोशालाओं में 450 और 387 आवारा पशुओं की मौत हुई है।

जिनका रिकॉर्ड नहीं उन्हें मुआवजा मिलना मुश्किल

लम्पी स्किन डिजीज संक्रमण के दौरान पशुपालकों ने गायों और अन्य पशुधन के संक्रमण और मौत के आंकड़े दर्ज नहीं होने का आरोप लगाया गया था। ऐसे पशुपालकों के पशुओं की मौत वास्तव में लम्पी से ही हुई है, इसका विभाग के पास कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। प्रदेश के ज्यादातर पशु चिकित्सा केन्द्रों पर केवल मृत पशुओं की संख्या के आंकड़े ही हैं, पशुपालकों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में बगैर रिकॉर्ड वाले पशुओं की मौत पर मुआवजा मिलना मुश्किल हो गया है।

(Also Read- अगर आप भी हैं Anemia से परेशान, तो आजमाएं ये घरेलू नुस्खें)

.