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पुरानी संसद को अलविदा, नई संसद का शुभ आरंभ, PM बोले- आज हुआ नए भविष्य का श्रीगणेश

देश की पुरानी संसद का आज आखिरी दिन था। प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी सांसद पुरानी इमारत से नई संसद पहुंचे. इससे पहले पुराने भवन के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। ये करीब दो घंटे तक चला।
02:50 PM Sep 19, 2023 IST | Kunal Bhatnagar
पुरानी संसद को अलविदा  नई संसद का शुभ आरंभ  pm बोले  आज हुआ नए भविष्य का श्रीगणेश

Parliament Special Session: देश की पुरानी संसद का आज आखिरी दिन था। प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी सांसद पुरानी इमारत से नई संसद पहुंचे. इससे पहले पुराने भवन के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। ये करीब दो घंटे तक चला। प्रधानमंत्री मोदी ने 38 मिनट का भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह सदन धारा 370, तीन तलाक, जीएसटी जैसे बड़े फैसलों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने पुरानी इमारत का नाम 'संविधान सदन' रखने का प्रस्ताव रखा।

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4 हजार से ज्यादा कानून हुए पारित

सेंट्रल हॉल में तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। कई अवसरों पर दोनों सदनों ने भारत के भाग्य के संबंध में निर्णय लिये। अब तक लोकसभा और राज्यसभा मिलकर 4 हजार से ज्यादा कानून पारित कर चुकी हैं। नए संसद भवन में जाने से पहले मंगलवार को पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये भवन, ये सेंट्रल हॉल, एक तरह से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है।

संविधान सभा सत्ता हस्तांतरण की गवाह बनेगी

यह हमें कर्तव्य के लिए भी प्रेरित करता है। आज़ादी से पहले इस अनुभाग का उपयोग एक प्रकार की लाइब्रेरी के रूप में किया जाता था। उन्होंने कहा कि बाद में संविधान सभा की बैठक शुरू हुई और उसके बाद यहां हमारे संविधान ने आकार लिया। 1947 में यहीं पर ब्रिटिश सरकार ने सत्ता हस्तांतरित की थी। ये हॉल उस प्रक्रिया का गवाह है।

आर्टिकल 370 का जिक्र

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हमें सदन में आर्टिकल 370 से मुक्ति पाने का मौका मिला। ऐसी कई महत्वपूर्ण कामों में संसद की भूमिका अहम रही। इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी चल पड़ी थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को भी ठीक किया।

यही समय है, सही समय है...

आगे उन्होने कहा कि मैंने लालकिले से कहा था- यही समय है, सही समय है। एक के बाद बाद एक घटनाओं पर हम नजर डालेंगे तो आज भारत एक नई चेतना के साथ फिर से जाग उठा है। भारत नई ऊर्जा से भर चुका है। यह चेतना यही ऊर्जा इस देश के करोड़ों लोगों को संकल्प से सिद्धि की ओर चला सकती है। हम गति जितनी तेज करेंगे परिणाम उतने तेज मिलेंगे।

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