राजस्थान में स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, अब सरकारी कॉलेजों में होंगे प्लेसमेंट…साल में 2 बार आएंगी कंपनियां
जयपुर। निजी कॉलेजों व संस्थानों की तरह अब प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को भी कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में अपनी प्रोफेशनल यात्रा शुरू करने का मौका मिलेगा। सरकार ने सरकारी कॉलेजों में प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित कर स्टूडेंट्स को बेहतर जॉब का प्लेटफॉर्म कॉलेज में ही मुहैया कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना के लिए 9.18 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति जारी की। इसके साथ ही उन्होंने राजकीय कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट सुविधा योजना के दिशा-निर्देशों के प्रारूप का अनुमोदन भी किया। इसके साथ ही इस योजना के जमीन पर उतरने का रास्ता साफ हो गया है।
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प्रस्ताव के अनुसार प्रथम चरण में 100 राजकीय कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत महाविद्यालयों में कम से कम वर्ष में दो बार कैंपस प्लेसमेंट आयोजित किए जाएंगे। कैंपस प्लेसमेंट से पूर्व विद्यार्थियों को प्री प्लेसमेंट के माध्यम से सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे विद्यार्थियों के आत्मविश्वास में वृद्धि होने के साथ ही जॉब मिलने में आसानी होगी।
छोटे कस्बों तक पहुंचेंगे एम्प्लॉयर्स
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रदेश के छोटे कस्बों में स्थित राजकीय कॉलेजों के स्टूडेंट्स को शुरुआती जॉब हासिल करने का अवसर उनके कॉलेज में ही मिल सके गा। अभी इन कॉलेजों से पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स को जॉब की तलाश में शहरों की ओर भागना पड़ता है। इसके अलावा जिन स्टूडेंट्स को जॉब नहीं भी मिलेगा उनके लिए इस प्रक्रिया के दौरान मिली सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग जॉब सर्चिंग में बहुत काम की होगी। भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS), राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (NCL) पुणे, राष्ट्रीय जैव विज्ञान केंद्र बंगलुरु एवं सेबी के साथ समन्वय कर स्टूडेंट्स का स्किल डवलपमेंट किया जाएगा।
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इन चरणों की करवाएं गे तैयारी
स्किल इवैल्युएशन: विभिन्न एग्जाम्स केजरिए स्टूडेंट की डोमेन एक्सपर्टीज, कम्युनिकेशन स्किल्स, क्वांटिटिव एप्टीट्यूड आदि को जांचा जाता है।
ग्रुप डिस्कशन: स्टूडेंट केथॉट प्रोसेस, पर्सनल व ग्रुप प्रेजेन्टेशन स्किल्स, स्ट्रेस मैनेजमेंट व सिचुएशन को हैंडल करनेकी क्षमता की परख होती है।
टैक्नीकल इंटरव्यू: डोमेन नोलेज, अपनी स्किल्स को प्रैक्टिकली यूज करनेका कौशल, प्रोग्रामिंग स्किल्स, रियल वर्ल्ड में ज्ञान का उपयोग करने की क्षमता की जांच होती है।
एचआर इंटरव्यू: कंपनी केवर्क कल्चर केसाथ मिलकर काम करनेकेजुनून, सीखनेकी क्षमता, कोर व सॉफ्ट स्किल्स आदि को परखा जाता है।