वर्ल्ड कप से पहले सर्जरी करवाना मुश्किल था, 5 महीने बाद टीम इंडिया की जर्सी पहनकर खुशी हुई : Ravindra Jadeja
ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भारतीय टीम के साथ जुड़ चुके हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 फरवरी से शुरू हो रही चार मैचों की टेस्ट सीरीज का भाग होंगे। जडेजा ने बीसीसीआई द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें उन्होंने अपने सर्जरी के बाद हुए रिहैब एक्सपीरिएंस को शेयर किया। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय टीम के लिए फिर से खेलने का मौका पाकर बहुत खुश हैं।
टी20 वर्ल्ड कप से पहले सर्जरी का फैसला मुश्किल था : जडेजा
रवींद्र जडेजा ने सितंबर 2022 में अपने दाहिने घुटने की सर्जरी के बाद क्रिकेट से दूर हो गए थे। जडेजा ने BCCI द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा है कि मैं बहुत उत्साहित हूं। 5 माह से अधिक वक्त के बाद, मैंने टीम इंडिया की जर्सी पहनी है और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे फिर से भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिल रहा है।
रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ खेला था आखिरी टेस्ट मैच
बता दें कि जुलाई 2022 में जडेजा ने बर्मिघम में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी बार जडेजा ने टेस्ट मैच खेला था। इसके बाद उन्होंने अपने दाहिने घुटने की सर्जरी कराने के फैसला के बारे में बताया। मैं घुटने के साथ संघर्ष कर रहा था और मुझे सर्जरी करवानी पड़ी। लेकिन मुझे यह निर्णय करना था कि मुझे इसे टी20 वर्ल्ड कप से पहले करना है या बाद में कुछ समझ में नही आ रहा था।
उन्होंने कहा, डॉक्टर ने मुझे विश्व कप से पहले सर्जरी करवानी की सलाह दी थी, क्योंकि अगर मैं ऐसा करता तो वर्ल्ड कप खेलने का बहुत कम मौका था। मैंने तब सर्जरी कराने का फैसला लिया, लेकिन उसके बाद वहां रिहैब और ट्रेनिंग करना काफी मुश्किल था। सर्जरी के बाद जडेजा टी20 विश्व कप, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के दौरे के साथ-साथ श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से चूक गए थे। हालांकि बांग्लादेश दौरे के लिए जडेजा को टीम में नामित किया गया था लेकिन पूरी तरह से फिट नहीं होने के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया था।
सर जडेजा ने रिहैब चरण के दौरान अपने मन के विचारों की एक झलक दी और कैसे फिजियोथेरेपिस्ट के साथ-साथ एनसीए (NCA) के प्रशिक्षकों ने उन्हें पूरी तरह से फिट होने में मदद की। उस दौरान मेरे मन में विचार आते थे कि मैं कब फिट होऊंगा या कब फिट नहीं रहूंगा। जब हम टीवी पर मैच देखते हैं, जैसे टी20 वर्ल्ड कप, तो मुझे एहसास होने लगा’ काश मैं वहां खेल पाता। इसलिए, वो सभी विचार दिमाग में आते हैं, लेकिन वे छोटी-छोटी बातें भी आपको प्रेरित करती हैं कि आपको वापस आने के लिए अच्छी तरह से रिहैब करना होगा, अपने प्रशिक्षण से गुजरना होगा और घुटने को मजबूत करना होगा।
जडेजा ने कहा, NCA में फिजियो और प्रशिक्षकों ने मेरे घुटने पर बहुत काम किया। उन्होंने मुझे बहुत ज्यादा समय दिया और भले ही एनसीए में रविवार को अवकाश हो, वो खासतौर से आते और मेरा इलाज करते। उन्होंने मेरे धुटने पर बहुत काम किया है। जैसे 2-3 हफ्ते मैं बैंगलोर में रहा करता था, फिर मैं अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए घर वापस चला जाता था।