गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, CISF की तर्ज पर राजस्थान में RISF का गठन, 3072 पदों पर भर्ती जल्द
जयपुर। राजस्थान सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के सुरक्षा के लिए अब राज्य स्तरीय फोर्स गठन करने का फैसला लिया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर राजस्थान औद्योगिक सुरक्षा बल (Rajasthan Industrial Security Force) का गठन होगा। इसमें तीन बटालियन गठित की जाएगी। इनका मुख्यालय भिवाड़ी, चित्तौड़गढ़ और बालोतरा में होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनके लिए लगभग 21 करोड़ के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने तीनों बटालियन के लिए कुल 3072 नवीन पदों के सृजन को स्वीकृति दी हैं।
इनमें प्रति बटालियन कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट का एक-एक पद, सहायक कमांडेंट के 10, कंपनी कमांडेंट के 9, प्लाटून कमांडर के 45, हेड कांस्टेबल के 200 और कांस्टेबल के 734 पद सृजित होंगे। इसी तरह सहायक लेखाधिकारी, कनिष्ठ लेखाकार, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, सूचना सहायक, चिकित्सक, नर्स का एक-एक, वरिष्ठ सहायक, चपरासी के दो- दो, कनिष्ठ सहायक के चार और कुक के 10 पदों की स्वीकृित दी गई है।
बटालियनों का क्षेत्राधिकार
इस स्वीकृति से प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को सहज एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाया जा सके गा। इससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। भिवाड़ी बटालियन के कार्यक्षेत्र में जयपुर, अजमेर, सीकर, अलवर, झुंझुनूं, भरतपुर, दौसा, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर जिले हैं। इनमें 3,81,694 पंजीकृ त इकाइयां शामिल हैं।
चित्तौड़गढ़ बटालियन में भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बारां व बूंदी जिले होंगे, जहां 2,39,339 पंजीकृ त इकाइयां हैं। वहीं, बालोतरा बटालियन में जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, पाली, हनुमानगढ़, बाड़मेर, नागौर, चूरू, जालोर, सिरोही और जैसलमेर जिले शामिल होंगे। इनमें 3,53,528 पंजीकृत इकाइयां हैं।
सीआईएसएफ की तर्ज पर करेंगे काम
सीआईएसएफ यानी केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का काम देश की प्रॉपर्टी की सुरक्षा करना है। इसी तर्ज पर आरआईएसफ काम करेगी। सीआईएसएफ के पास हवाई अड्डे, बंदरगाह, पावर प्लांट सहित महत्वपूर्ण सरकारी भवनों, विरासतों और दिल्ली मेट्रो तक की सुरक्षा का जिम्मा है। साथ ही, कुछ वीआईपी को सुरक्षा देने का काम भी सीआईएसएफ का है। इसी तरह आरआईएसएफ भी जयपुर मेट्रो, सरकारी भवनों, विरासतों और औद्योगिक इकाइयों को सुरक्षा प्रदान करेगी।