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गहलोत सरकार ने लागू की अंधता नियंत्रण पॉलिसी, 3 लाख से अधिक दृष्टिबाधित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के प्रयास 

08:16 AM Jan 14, 2023 IST | Supriya Sarkaar
गहलोत सरकार ने लागू की अंधता नियंत्रण पॉलिसी  3 लाख से अधिक दृष्टिबाधित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के प्रयास 

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में निरोगी राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक अभिनव पहल की है। देश में पहली बार राजस्थान सरकार द्वारा ‘राइट टू साइट विजन’ के उद्देश्य के साथ अंधता नियंत्रण पॉलिसी लागू की गई है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को अंधता निवारण के लिए पॉलिसी का डॉक्यूमेंट जारी किया गया।

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सरकार के इस कदम से राज्य में तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधिता से पीड़ित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से इस पॉलिसी को लाया गया है। ब्लाइंडनेस कंट्रोलिंग के एरिया में काम कर रहे एनजीओ, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ट्रस्ट, चेरिटेबल हॉस्पिटल और चेरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर सरकार काम करेगी। निरोगी राजस्थान के सपने को साकार करने की दिशा में भी इसे बड़ा महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि देश में वर्ष 2020 में अंधता प्रसार दर 1.1 प्रतिशत थी, जिसे राइट टू साइट विजन पॉलिसी के द्वारा 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। बता दें कि राजस्थान नेत्रदान के मामले में आज सबसे आगे है। इससे पहले सिर्फ अंगदान में ही राजस्थान को अग्रणी माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां 11 हजार से अधिक लोगों को नेत्रदान के जरिए नई रोशनी मिली है।

केराटोप्लास्टी सेंटर एवं आई बैंक खोले जाएंगे 

राज्य सरकार की अंधता नियंत्रण पॉलिसी के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से के राटोप्लास्टी सेंटर और आई बैंक संचालित किए जाएं गे। इस पॉलिसी के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा एकत्रित कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। जिलों में इस क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, अस्पतालों एवं अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किए जाएंगे।

नेत्रदान के लिए चलाई जाएगी मुहिम 

योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा निजी संस्थाओं को साथ लेकर व्यापक स्तर पर नेत्रदान के लिए मुहिम चलाई जाएगी। नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, नेत्रदान के लिए कार्यरत काउंसलर्स एवं नेत्र सहायक आदि को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत अंधता नियंत्रण संबंधी जन-जागरुकता और विभिन्न तकनीकी सुधार गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

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