हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे अपने स्टूडेंट्स को वापस ला रही गहलोत सरकार, आज रात 25 छात्र-छात्राएं पहुंचेंगे जयपुर
जयपुर। मणिपुर (Manipur Violence) में हिंसा के चलते राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के छात्रों को वापस बुलाने का इंतजाम कर लिया है। जिसके तहत आज सुबह 2 फ्लाइट से 82 छात्र इंफाल से जयपुर की ओर रवाना हुए हैं। इनमें से 25 छात्र आज शाम तक जयपुर पहुंच जाएंगे। वहीं बाकी छात्र कल अपने प्रदेश पहुंचेंगे।
82 स्टूडेंट्स को सुरक्षित निकाला गया
इंडिगो एयरलाइंस की विशेष उड़ानों से इन स्टूडेंट्स के जयपुर आने का इंतजाम किया गया है। इनमें से 26 छात्र-छात्राएं आज शाम 5:00 बजे कोलकाता से जयपुर रवाना होंगे। क्योंकि इन्हें पहले इंफाल से कोलकाता लाया गया है। आज रात करीब 9:00 बजे के आसपास यह जयपुर पहुंच जाएंगे। इसके अलावा बाकी बचे हुए छात्र कल शाम 5:00 बजे तक जयपुर पहुंच जाएंगे। इंफाल से कोलकाता पहुंच रहे छात्रों का DIPR के सहायक निदेशक हिंगलाजदान रत्नू ने छात्र-छात्राओं का स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ही छात्रों के खाने-पीने के इंतजाम भी किए गए। इन छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं के संबंध में भी डीआईपीआर के अधिकारियों ने बातचीत कर ली है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी अवगत करा दिया है। परीक्षा के मद्देनजर और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए आगे की कार्यनीति बन रही है।
पूरा खर्चा उठा रही है गहलोत सरकार
गौरतलब है कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने मणिपुर से अपने राज्यों के विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी का बीड़ा उठाया है। उनकी वापसी का पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है, साथ ही उनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। छात्र-छात्राओं के अपने प्रदेश लाने के हवाई यात्रा और ट्रेन किराए का पुनर्भरण भी राज्य सरकार कर रही है।
इम्फाल से कोलकाता के रास्ते जयपुर आ रहे है स्टूडेंट्स
दिल्ली में राजस्थान सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर और राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया था कि मणिपुर में राजस्थान के जो विद्यार्थी फंसे हुए हैं उन्हें सुरक्षित एयरपोर्ट तक लाने के लिए राजस्थान के डीजीपी की मदद से मणिपुर के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। जिससे विद्यार्थियों को इंफाल से जयपुर या फिर कोलकाता के जरिए जयपुर पहुंचाने में मदद मिल सके और किसी भी तरह की अड़चनें ना आ सके। जो राजस्थानी विद्यार्थी मणिपुर में फंसे हुए हैं, उनकी सूचना इकट्ठा करने के लिए फाउंडेशन की ओर से गूगल फॉर्म और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। ताकि सभी स्टूडेंट डेटा तैयार कर सभी को वहां से सुरक्षित निकाला जा सके।
आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की थी हिंसा
बता दें कि मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। जिसके चलते यहां पर ट्रेनों का संचालन और इंटरनेट सेवा पर बंद कर दिया गया है। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) मणिपुर द्वारा मेइतेई या मीतेई को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया था।जिसके दौरान हिंसा भड़क गई थी।
इस दौरान सेना और असम राइफल्स ने करीब 15000 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। मणिपुर में हिंसा ग्रस्त माहौल को देखते हुए करीब 1000 लोग मणिपुर से पलायन कर असम के कछार जिले में जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने शरणार्थियों के लिए खाने -पीने, रहने का इंतजाम किया है। कुछ लोगों को स्कूलों-कॉलेजों में भी ठहराया गया है। सब से राहत की बात यह है कि स्थानीय लोग भी इनकी मदद कर रहे हैं।