10 लाख किमी में फैला कचरा, समुद्र में बन गए कचरे के कई टापू
वॉशिंगटन। समुद्र में फैला कचरा दुनिया के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। समुद्र में इतना कचरा है कि ये प्लास्टिक किसी टापू की तरह हो गए हैं। वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्निया और हवाई के बीच समुद्र में करीब 10 लाख वर्ग किमी के क्षेत्र में विशाल कचरे की खोज की है। इस पर केकड़े और अन्य समुद्री जीव रह रहे थे। ये जीव अपने मूल घर से हजारों किमी की दूरी पर थे। नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन जर्नल में एक नया अध्ययन प्रकाशित किया गया है।
इसमें शोधकर्ताओं की एक टीम ने खुलासा किया कि तटीय अकशेरूकीय जीवों की दर्जनों प्रजातियां वर्षों से समुद्र में तैर रहे प्लास्टिक कचरे पर जीवित रहने और प्रजनन करने में सक्षम हैं। वैज्ञानिकों ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि प्लास्टिक कचरा कुछ समुद्री प्रजातियों के लिए नया तैरता हुआ पारिस्थितिक तंत्र बना रहा है। ये जीव सामान्य रूप से खुले समुद्र में जीवित रहने में सक्षम नहीं हैं।
484 समुद्री अकशेरुकीय
जीवों की पहचान हरम और उनके सहयोगियों ने नवंबर 2018 और जनवरी 2019 के बीच मिले प्लास्टिक कचरे की 105 वस्तुओं की जांच की। उन्होंने मलबे पर 484 समुद्री अकशेरुकीय जीवों की पहचान की। 46 विभिन्न प्रजातियां मिलीं, जो सामान्य रूप से तटों पर पाई जाती है। हरम ने कहा कि विविधता का एक बड़ा प्रतिशत है जो हमने पाया। मलबे पर मिले जीव तटीय प्रजातियां थीं, न कि खुले समुद्र की प्रजातियां, जिनके मिलने की हम उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह आज भी समुद्र में मलबे पर जीवों को पा रही हैं।
जगह के लिए हो रही लड़ाई
हरम ने कहा कि समुद्र के दरूदराज इलाकों में नई प्रजातियों के होने से पड़ने वाले असर को अभी नहीं समझा जा सका है। उन्होंने कहा कि कचरे पर मिलने वाली इन प्रजातियों में ज्यादा जगह कब्जाने की प्रतिस्पर्धा देखी गई। क्योंकि जगह यहां बहुत कम होगी थी। खाने की चीजों के लिए भी संभावित प्रतिस्पर्धा है। संभव है कि उन्होंने खाने की पूर्ति के लिए एक दूसरे का शिकार किया हो।
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