छपरा में नहीं फंसा था गंगा विलास क्रूज़, संचालकों और जिला प्रशासन ने किया खंडन
2 दिन पहले ही शुरू हुए देश के सबसे लंबे क्रूज़ गंगा विलास के आज छपरा में फंसे होने की खबरें सुर्खियों में छाई थी लेकिन इस खबर का खंडन खुद क्रूज के संचालकों ने कर दिया है। संचालकों का कहना है कि गंगा विलास क्रूज़ कहीं भी फंसा नहीं था।
नदी में पानी कम होने के चलते पहले ही रोक दिया था
उन्होंने कहा कि नदी में पानी कम होने और गाद ज्यादा होने पर उन्होंने खुद ही उसे वहां पर ले जाना ठीक नहीं समझा। इसलिए उसे वहां जाने से रोक दिया लेकिन इस घटना को इंटरनेट मीडिया पर तोड़ मरोड़ कर पेश कर वायरल किया जा रहा है जोकि सरासर गलत है।
ये खबर हो रही थी वायरल
दरअसल सोशल मीडिया पर गंगा विलास क्रूज़ के छपरा की नदी में फंसे होने की खबरें काफी वायरल हो रही थी। जिसके मुताबिक गंगा विलास क्रूज़ छपरा की एक नदी में फंस गया है। जिसे निकालने के लिए क्रूज संचालकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। यही नहीं क्रूज को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीमें तक बुला ली गई हैं लेकिन क्रूज़ संचालकों के खुद ही इस खबर का खंडन करने के बाद इसे झूठा करार दिया गया है।
नदी के तट तक छोटी नावों के जरिए पहुंचाए गए सैलानी
क्रूज़ संचालकों और जिला प्रशासन ने कहा है कि क्रूज को चिरांद तट से थोड़ा पहले ही रोक लिया गया था और क्रूज पर सवार पर्यटकों को छोटी-छोटी नावों के सहारे तट तक पहुंचाया गया। जहां पर उनका भव्य स्वागत हुआ। बता दें कि गंगा विलास क्रूज़ वाराणसी से देश की सबसे लंबी नदी की यात्रा पर निकला है जो बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक जाकर सैलानियों को इस नदी और नदी पर बसे राज्यों शहरों के पुरातत्व से रूबरू कराएगा।
50 लाख रुपए है किराया
इस आलीशान क्रूज का पूरा पैकेज लगभग 50 लाख रुपए प्रति व्यक्ति का है। जिसे एक फाइव स्टार होटल की संज्ञा भी दी गई है। स्क्रूज में हर वह सुख सुविधा है जो एक आलीशान होटल या रिसॉर्ट में रहती है। इस यात्रा के जरिए भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का सैलानी दर्शन कर सकते हैं और उसे व्यापक तरीके से समझ सकते हैं।