For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

कार्बन का सबसे उपयोगी बहुरूप है फुलरीन, प्रोफेसर स्मैली ने की थी इसकी खोज

01:56 PM Feb 18, 2023 IST | Supriya Sarkaar
कार्बन का सबसे उपयोगी बहुरूप है फुलरीन  प्रोफेसर स्मैली ने की थी इसकी खोज
Advertisement

आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी कोई वस्तु जलती है तो वह धुआं छोड़ते हुए काले रंग के पदार्थ में तब्दील हो जाती है। यह काला पदार्थ इकट्ठा होकर एक तत्व बन जाता है, जिसे कार्बन कहा जाता है। पृथ्वी पर बाकी तत्वों की तरह कार्बन भी पाया जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, इससे दवाइयां, चमड़ा, प्लास्टिक, रबर, सिंथेटिक कपास और फाइबर जैसी वस्तुएं बनती है। कार्बन पृथ्वी पर पाया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।

यह एक प्रकार का रासायनिक तत्त्व है, जिसका संकेत C तथा परमाणु संख्या छह होती है। इसे प्रांगार भी कहा जाता है। इसका परमाणु भार 12.000 है। कार्बन एक अधातु तत्व है, जिसकी संयोजकता चार है। यह पूरे विश्व में पाया जाता है, पृथ्वी पर इसकी मात्रा 0.2 प्रतिशत तथा वायुमंडल में 0.3 प्रतिशत है। यह मानव, पशु-पक्षी तथा वनस्पतियों सभी में पाया जाता है। कोयला, पेट्रोल तथा डीजल भी कार्बन से ही बने हैं।

(Also Read- कितनी बार बदला गया श्री लंका का नाम, जानिए पूरा इतिहास)

कार्बन की खोज

इसकी खोज प्रागैतिहासिक काल में हुई थी। इतिहासकारों का मानना है कि विश्व की प्राचीन सभ्यताओं को भी कार्बन तत्व का ज्ञान था। फुलरीन कार्बन का सबसे उपयोगी बहुरूप है। इसकी खोज वर्ष 1995 में राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इ स्मैली और उनके सहकर्मियों ने मिलकर की थी। इस खोज के लिए स्मैली को वर्ष 1996 में नोबेल पुरस्कार भी दिया गया। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 तथा 6C14 हैं। इनसे प्राचीन अवशेषों का पता लगाया जा सकता है।

इसके अनुपात को मापकर पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में एक विशेष गुण पाया जाता है, जिसे कैटिनेशन कहा जाता है। कैटिनेशन के कारण ही कार्बन के कई परमाणु आपस में मिलकर एक लम्बी शृंखला बनाते हैं। यह कारण है कि पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। धरातल पर कार्बन मुक्त और संयुक्त दोनों अवस्थाओं में पाया जाता है।

(Also Read- आस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु है यह जीव, छलांग मारते हुए चलता है)

हीरा भी इसका अपररूप

कार्बन के कई अपररूप हैं। इनमें हीरा, ग्रेफाइट तथा फुलरीन शामिल है। हीरे में केवल कार्बन परमाणु पाया जाता हैं। इसमें परमाणु SP­3 संकरण होता है, इसमें मौजूद प्रत्येक कार्बन चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एकल सहसंयोजक बंधों के माध्यम से जुड़ा होता है। जबकि ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु SP­2 संकरण होता है। यह अन्य तीन कार्बन परमाणुओं से एकल संयोजी बंधों के माध्यम से जुड़ा होता है। इसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु का एक इलेक्ट्रॉन मुक्त रहता है। इसका तीसरा अपररूप फुलरीन, कार्बन का क्रिस्टलीय अपररूप है। फुलरीन की खोज वर्ष 1985 में हुई थी। इसके अणुओं में 60 से अधिक संख्या में कार्बन परमाणु होते हैं।

लैटिन भाषा का शब्द

कार्बन शब्द अन्य भाषा का शब्द है। यह लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से बना है, जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। पृथ्वी पर कार्बन के असंख्य यौगिक हैं। इनका अध्ययन कार्बनिक रसायन के अन्तर्गत किया जाता हैं।

(Also Read- इस संग्रहालय में रखी है 2300 साल पुरानी ममी, 135 साल पहले इस नाम से जाना जाता था )

.