नागौर में फर्जी ACB अधिकारी गिरफ्तार, ट्रैप हुए कर्मचारी के केस की एवज में लिए 50 हजार रुपए
नागौर। राजस्थान में इन दिनों एसीबी टीम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। सरकारी महकमों में एसीबी का नाम सुनते ही हलचल मच जाती है। ऐसे में फर्जी एसीबी बनकर बदमाश बेखौफ घूम रहे हैं। बदमाशों को कानून का बिल्कुल भी खौफ नहीं है और दिनदहाड़े ही वारदात को अंजाम दे रहे है। राजस्थान के नागौर जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है। पुलिस ने फर्जी एसीबी अधिकारी बनकर घूम रहे बदमाश को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को एसीबी का अधिकारी बताया। इतना ही नहीं आरोपी खुद को एसीबी का अधिकारी रौब दिखा धमकी भी देता था।
एसपी राममूर्ति जोशी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि नागौर में फर्जी एसीबी का अधिकारी बनकर 50 हजार रुपए हड़पने के प्रकरण में अभियुक्त रामनिवास को गिरफ्तार किया है। नागौर के खाटू बड़ी थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार, 28 मार्च को नेमीचंद पुत्र धर्माराम ने एक रिपोर्ट दर्ज करवाई है। नेमीचंद ने शिकायत में बताया कि 20 मार्च को उसके छोटे भाई ओमप्रकाश मेघवाल पटवारी के खिलाफ नागौर एसीबी टीम द्वारा ट्रैप की कार्रवाई की गई थी। पटवारी ओमप्रकाश मेघवाल को परिवादी से 2.25 लाख रुपए रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
27 मार्च की दोपहर सांवरा राम बांगड़ा के मोबाइल से उनके पास एक फोन आया और कहा, एसीबी नागौर से कोई अधिकारी आया हुआ है, जो आपसे मिलना चाहता है। जानकारी मिलते ही वे ढाणी से गांव आए। वहां पर एक व्यक्ति सांवरा जोकि घर के पास खड़ा उनसे बातें कर रहा था। इसके बाद उसने इशारा करके गांव से बाहर एक चौराहे पर ले गया।
वहां उसे स्कूटी पर एक व्यक्ति मिला। उसने बताया कि वह एसीबी नागौर का कर्मचारी सुरेन्द्र है। वह उसके भाई ओमप्रकाश मेघवाल की ट्रैप कार्रवाई में आपकी मदद कर सकता है। साथ ही सीआई सुशीला विश्नोई से कहकर वो मामले को रूकवा देगा। इसकी एवज में वह 50 हजार रुपए फोन-पे के जरिए लेगा।
एसीबी द्वारा ट्रैप की कार्रवाई में भाई ओमप्रकाश मेघवाल को बचाने की एवज में बड़े भाई ने 50 हजार रुपए की व्यवस्था कर कैश दिए। इसके बाद सांवरा राम बांगड़ा ने रुपयों की व्यवस्था और करने को कहा। इसके बाद 28 मार्च की शाम साढ़े चार बजे वहीं व्यक्ति का फिर फोन आया और कहा कि वह एसीबी नागौर के ऑफिस में ही है। ऑफिस के पास के चाय के ढाबे पर बैठा है। 30 हजार रुपए की और व्यवस्था करनी होगी। तुम्हारे भाई को ट्रैप की कार्रवाई से फ्री करवा दूंगा।
इसके बाद उक्त व्यक्ति ने धमकी दी कि अगर यह बात किसी को बताई तो तुम्हारा बुरा कर दूंगा। उक्त व्यक्ति के बुलाने पर ने बताए स्थान पर मौजूद भाई सोहन लाल और मुकेश सियाग वहां गए। वहां पहुंचने पर फोन करने वाला व्यक्ति बैठा मिला। जिसका नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम रामनिवास जाट पुत्र मंगलाराम निवासी डेगाना का होना बताया। इस प्रकार रामनिवास ने छलकपट कर धमकी देकर फर्जी एसीबी का कर्मचारी बनकर रुपए हड़प लिए। परिवादी को धोखे का पता चलने पर पुलिस में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने डेगाना निवासी रामनिवास जाट (45) को गिरफ्तार कर लिया।