बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने थामा शिवसेना का हाथ, कांग्रेस को झटका या BJP को मौका?
Rajendra Gudha: राजस्थान विधानसभा में बीते दिनों लाल डायरी दिखा कर सियासी हलचल मचाने वाले बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा एक बार फिर सुर्खियों में है जहां गुढ़ा ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना जॉइन कर ली है. दरअसल गुढ़ा के बेटे शिवम का 18वां जन्मदिन मनाने शिवसेना 'शिंदे' प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को उदयपुरवाटी के गुढ़ा गांव पहुंचे जहां उन्होंने गुढ़ा को शिवसेना ज्वॉइन करवाई. इस दौरान शिंदे ने शिव सेना का दुपट्टा पहनाकर कहा कि शिवसेना परिवार में गुढ़ा का स्वागत है.
मालूम हो कि गुढ़ा को कांग्रेस सरकार ने लाल डायरी प्रकरण होने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था हालांकि गुढ़ा को अभी तक पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया है. वहीं गुढ़ा ने भी लाल डायरी पर अब एक अंतहीन चुप्पी साध रखी है.
वहीं गुढ़ा का पार्टी में स्वागत करते हुए शिंदे ने इस मौके पर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के सीएम ने एक साल पहले यहीं पर कहा था कि गुढ़ा की वजह से मैं मुख्यमंत्री हूं लेकिन फिर उन्हें ही बर्खास्त कर दिया. शिंदे ने कहा कि इसका जवाब चुनावों में जनता देगी.
गुढ़ा ने सच का साथ दिया - शिंदे
वहीं अपने संबोधन में सीएम शिंदे ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त किया जिसका जवाब अब जनता देगी क्योंकि आपने अपराध पर सवाल उठाया था, कोई गलती नहीं की, आपने मंत्री पद त्यागा हैं, हमने भी आपकी तरह बाला साहेब के विचारों के लिए सत्ता छोड़ी थी.
उन्होंने कहा कि आपने महिलाओं के लिए जनता की आवाज उठाई है जिसमें क्या गलती की, सच्चाई का साथ देना गुनाह है क्या. वहीं उन्होंने कहा कि राजस्थान की वीरता और महाराष्ट्र की वीरता का आज ये मिलन सुखद है.
वहीं शिंदे ने आगे कहा कि राजस्थान में उद्योगों और खनन की अपार संभावनाएं हैं ऐसे में अगर हम यहां विकास का काम करेंगे तो राज्य के बेरोजगार लोगों को दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि शिवसेना महाराष्ट्र में भी यही काम कर रही है.
लाल डायरी पर गुढ़ा ने खोला था मोर्चा
गौरतलब हो कि राजेंद्र गुढ़ा ने बीते महीने विधानसभा में लाल डायरी दिखाकर हलचल मचा दी थी जिसके बाद उन्होंने गहलोत सरकार पर करप्शन के आरोप लगाते हुए डायरी में आरसीए चुनावों में लेनदेन का जिक्र किया था. वहीं गुढ़ा ने इसके बाद लाल डायरी के 3 पन्ने भी सार्वजनिक किए थे. इधर बीजेपी ने लाल डायरी को मुद्दा बना रखा है और लगातार गहलोत सरकार पर बीजेपी नेता हमलावर हैं.
बीएसपी से कांग्रेस और अब शिवसेना
बता दें कि गुढ़ा 2008 में बीएसपी विधायक बन कांग्रेस में शामिल हुए और 2013 कांग्रेस ने उन्हें फिर टिकट दिया जहां उनको हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद गुढ़ा ने 2018 बीएसपी से फिर टिकट मिला लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस ने सरकार आते ही उन्हें मंत्री बनाया. वहीं अब 2023 में चुनावों से पहले अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद मंत्री पद से हटाए गए और अब शिवसेना (शिंदे) में शामिल हो गए हैं.