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कोई भी बड़ा काम करती हूं तो...पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा, तनोट माता के दर्शन के लिए जाएगी जैसलमेर

राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार (3 सितंबर) को एक दिवसीय दौरे पर जैसलमेर जाएगी। वह यहां तनोट और भादरिया राय शक्तिपीठ में दर्शन और पूजा करेंगी।
03:27 PM Oct 02, 2023 IST | Kunal Bhatnagar

Jaisalmer: राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर जैसलमेर जाएगी। वह यहां तनोट और भादरिया राय शक्तिपीठ में दर्शन और पूजा करेंगी। उनके दौरे का कार्यक्रम सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

मंदिर में पूजा-अर्चना का तय कार्यक्रम

भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के कार्यालय से प्राप्त यात्रा कार्यक्रम के अनुसार राजे मंगलवार सुबह 10 बजे बाड़मेर से हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर सीमा क्षेत्र स्थित तनोट माता मंदिर हेलीपेड पर उतरेंगी। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वसुंधरा राजे हेलीकॉप्टर से भादरिया राय मंदिर के लिए रवाना होंगी। दोपहर 12.40 बजे भादरिया भादरिया राय माता मंदिर में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम है। दोपहर 1 बजे हेलीकॉप्टर से आसोतरा के लिए उड़ान भरेंगे।

कोई भी बड़ा काम करती हूं तो...

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इससे पहले एक सितंबर शुक्रवार को कोटा दौरे पर रहीं। यहां मीडिया ने राजे से देव दर्शन यात्रा को लेकर सवाल पूछे। यात्रा को लेकर वसुंधरा राजे ने कहा कि आप सब जानते हैं कि जब भी मैं कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करती हूं तो सबसे पहले चारभुजाजी के दर्शन करने जाती हूं।

सैनिकों की देवी के नाम से भी मशहूर

वैसे, 1965-71 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान माता के चमत्कारों के कारण इस देवी को सैनिकों की देवी कहा जाता है, साथ ही यह देश भर से आने वाले भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन गई है। देश का कोना. मंदिर परिसर में एक रुमाल घर भी बना हुआ है, जहां लाखों रुमाल बांधे जाते हैं। इस रूमाल घर में भक्त अपनी मनोकामना के लिए मन्नत रूमाल बांधते हैं।

1200 साल पुराना है मंदिर

इस मंदिर की पूजा और देखभाल बीएसएफ के जवान ही करते हैं, बीएसएफ के जवान ही इसके पुजारी हैं। वह प्रतिदिन की आरती इतने शानदार होती है कि सुनने वाला भी अभिभूत हो जाता है। अलौकिक चमत्कारों का यह मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाक सीमा पर स्थित 1200 साल पुराना तनोट मातेश्वरी मंदिर है। यह मंदिर गोल्डन सिटी जैसलमेर से 120 किमी दूर है।

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