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विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने जताई आशंका, पाक में लग सकता है मार्शल लॉ! 

07:19 AM Apr 05, 2023 IST | Supriya Sarkaar

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने आशंका जताई है कि अगर पंजाब में प्रांतीय चुनाव स्थगित करने के मामले की सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय की बड़ी पीठ का गठन नहीं किया गया तो देश में आपातकाल या मार्शल लॉ लागू हो सकता है। बिलावल की चिंता नकदी की कमी से जूझ रहे देश में जारी राजनीतिक और न्यायपालिका संकट से संबंधित है, जिसमें शीर्ष अदालत ने पंजाब विधानसभा चुनाव स्थगित करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की याचिका पर सुनवाई की। 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल ने सिंध प्रांत में अपने निर्वाचन क्षेत्र लरकाना में सोमवार को मीडिया से बात की। द न्यूज इंटरनेशनल की खबर के अनुसार, बिलावल ने कहा कि खैबर-पख्तूनख्वा और पंजाब में चुनावों पर तीन न्यायाधीशों के किसी भी फैसले को उनकी पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब प्रांत में आठ अक्टूबर तक चुनाव स्थगित करने के चुनाव आयोग के फैसले को असंवैधानिक करार दिया, जो संघीय सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। 

सरकार सुरक्षा मुद्दों और आर्थिक संकट का हवाला देते हुए प्रांतीय चुनाव में देरी करने की कोशिश कर रही थी। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने प्रांत में मतदान के लिए 14 मई की तारीख भी तय की। इस मुद्दे पर फैसला पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायाधीश मुनीब अख्तर और न्यायाधीश इजाजुल अहसन वाली पीठ ने सुनाया। 

यह फैसला पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई के लिए एक राहत के तौर पर आया है। उच्चतम न्यायालय के आज आए फैसले से पहले बिलावल ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केवल पूर्ण पीठ के फैसले को स्वीकार करेगी और उसे लागू करेगी। उन्होंने कहा कि तीन न्यायाधीशों के फैसले को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

तीन जजों की बेंच कर रही सुनवाई 

पिछले एक सप्ताह से तीन न्यायधीशों की बेंच याचिका की सुनवाई कर रही है। जजों की बेंच में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, जस्टिस इजाजुल अहसन और मुनीब अख्तर शामिल हैं। गठबंधन सरकार की ओर से लगातार एक बड़ी बेंच के गठन के अनुरोध को खारिज करते रहे हैं। इससे पहले सोमवार को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। 

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