पहले ट्रिपल तलाक…अब महिला आरक्षण… विपक्ष के जाल से यूं निकली BJP, लोकसभा चुनाव का रोडमैप तैयार
नई दिल्ली। महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति का वंदन लोकसभा में पेश होने के साथ ही विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है। क्योंकि बीजेपी नीत राजग सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है और कई विपक्षी पार्टियां भी विधेयक का समर्थन कर रही हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि विधेयक लोकसभा में तो पास होगा ही होगा, राज्यसभा में भी कोई रुकावट नहीं आएगी। लेकिन, क्या आपको बता है कि ये मोदी सरकार की बहुत बड़ी सफलता है। क्योंकि विपक्ष के चक्र व्यूह में फंसी मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल का दांव चलते हुए साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का रोडमैप तैयार कर दिया है।
दरअसल, विपक्ष मणिपुर व नूंह, अडानी मुद्दा, महंगाई, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रही थी। मानूसन सत्र के दौरान भी विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा था। विपक्ष अडानी व मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग पर अड़ा था। मणिपुर हिंसा मामले पर तो अविश्वास प्रस्ताव भी लाना पड़ा था। मानूसन सत्र के बाद भी विपक्ष लगातार केंद्र पर हावी होता रहा। ऐसे में विपक्ष को इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन बनाना पड़ा। जिसमें कांग्रेस सहित 28 विपक्षी पार्टियां शामिल है। ऐसे में माना जा रहा था कि विपक्षी गठबंधन के दांव के बीजेपी फंस चुकी है।
लेकिन, संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार ने ऐसा दांव खेला की विपक्ष की हवा निकल गई और मोदी सरकार के लिए साल 2024 के लोकसभा चुनाव की राह आसान हो गई। संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार ने महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन अधिनियम विपक्ष के हंगामे के बीच पेश कर दिया। ऐसे में दूसरे मुद्दों से हटकर विपक्ष का पूरा ध्यान एक ही मुद्दे पर केंद्रित हो गया है। कांग्रेस इस बिल का क्रेडिट लेने में नहीं हुई है। लेकिन, यह तो साफ है कि आने वाले समय में मोदी सरकार के लिए ये विधेयक काफी फायदेमंद साबित होने वाला है।
साल 2018 में चला था ट्रिपल तलाक का दांव
साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला था। साल 2018 में मोदी सरकार ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल लाई थी। संसद के दोनों सदनों से ये बिल पारित होने के बाद विपक्षी पार्टियों की मांग पर प्रवर समिति को भेजना पड़ा था। हालांकि, मोदी सरकार को सफलता मिली और उसी का परिणाम था कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी बीजेपी को दूसरी पार्टियों से ज्यादा वोट मिले थे।
बीजेपी को पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने दिया था वोट
वैसे तो केंद्र की मोदी सरकार हर वर्ग को राहत देने में लगी रहती है। लेकिन, मोदी सरकार का विशेष फोकस महिला वोटर्स पर है। राशन कार्ड पर परिवार की मुखिया के रूप में महिलाओं को शामिल करने सहित उज्ज्वला व हर घर शौचालय जैसी योजनाएं शुरू की थी। जिसका नतीजा ये निकला था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया था। एक सर्वे रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला मतदाताओं में सबसे अधिक समर्थन बीजेपी को मिला था। खुद पीएम मोदी ने भी 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के यूपी चुनाव में जीत के लिए महिलाओं को श्रेय दिया था।
5 विस चुनाव सहित लोकसभा चुनाव में होगा फायदा
मोदी सरकार ने जैसे पिछले लोकसभा चुनाव के लिए ट्रिपल तलाक का दांव चला था, वैसे ही आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महिला आरक्षण विधेयक को हथियार बनाया है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि यह विधेयक मोदी सरकार के लिए कितना फायदेमंद रहने वाला है। बता दें कि इसी साल के अंत में राजस्थान सहित पांच राज्यों में चुनाव होने वाले है और अगले साल लोकसभा चुनाव होने है।
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