होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

पहली बार गैर जीवाश्म ईंधन का कमाल, विमान ने अटलांटिक की भरी उड़ान

पूरी तरह से उच्च-वसा एवं कम उत्सर्जन वाले ईंधन से संचालित पहले वाणिज्यिक विमान ने मंगलवार को लंदन से न्यूयॉर्क की उड़ान भरी और इस दौरान इसने अटलांटिक महासागर को पार किया, जिसे ‘जेट जीरो’ की संज्ञा दी जा रही है। विमानन कंपनी ‘वर्जिन अटलांटिक’ के बोइंग787 विमान को जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल किए बिना संचालित किया गया। इस उड़ान के लिए इस्तेमाल विमानन ईंधन अपशिष्ट वसा से बना था।
10:16 AM Nov 30, 2023 IST | BHUP SINGH

लंदन। पूरी तरह से उच्च-वसा एवं कम उत्सर्जन वाले ईंधन से संचालित पहले वाणिज्यिक विमान ने मंगलवार को लंदन से न्यूयॉर्क की उड़ान भरी और इस दौरान इसने अटलांटिक महासागर को पार किया, जिसे ‘जेट जीरो’ की संज्ञा दी जा रही है। विमानन कंपनी ‘वर्जिन अटलांटिक’ के बोइंग787 विमान को जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल किए बिना संचालित किया गया। इस उड़ान के लिए इस्तेमाल विमानन ईंधन अपशिष्ट वसा से बना था।

वर्जिन के संस्थापक रिचर्ड ब्रैनसन ने कहा,‘जब तक आप कुछ खास नहीं करते, दुनिया हमेशा यह मान कर चलती है कि ऐसा कुछ किया ही नहीं जा सकता।’ ब्रैनसन खुद कॉर्पोरेट और सरकारी अधिकारियों, इंजीनियरों और पत्रकारों सहित अन्य लोगों के साथ विमान में सवार थे।

यह खबर भी पढ़ें:-चांद के गड्ढों में कहां से आया पानी? चंद्रयान-3 के डेटा से चलेगा पता

सबसे अच्छा तरीका

अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने कहा कि सतत विमानन ईंधन अंतरराष्ट्रीय विमानन उद्योग के लिए 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य ‘नेट जीरो’ प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है, क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को लगभग 70 प्रतिशत तक कम करता है। हालांकि उसने लक्ष्य को महत्वाकांक्षी करार दिया।

योजना के लिए दिए गए 10 लाख पाउंड

ब्रिटेन के परिवहन विभाग ने उड़ान की योजना बनाने और संचालित करने के लिए 10 लाख पाउंड (12.7 लाख अमेरिकी डॉलर) दिए हैं। विभाग ने हवाई यात्रा को पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाने के लिए परीक्षण को ‘जेट शून्य की दिशा में एक बड़ा कदम’ करार दिया। हालांकि व्यापक रूप से इस तरह के ईंधन उत्पादन में अब भी कई बाधाएं हैं।

यह खबर भी पढ़ें:-उसके आगे बुर्ज खलीफा भी बौना, प्रशांत महासागर में मिला विशाल पर्वत

Next Article