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राजस्थान में रिकॉर्ड सर्दी से मुरझाए किसानों के चेहरे, रबी की फसल पर पड़ा पाला

08:37 AM Jan 19, 2023 IST | Supriya Sarkaar

प्रदेश में बीते 15 दिनों में लगातार दूसरी बार पाला पड़ने के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कृषि विभाग ने पाले से फसलों के खराबे की गिरदावरी के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के जयपुर, सीकर, चूरू सहित कई जिलों में में 26 दिसंबर से 18 जनवरी तक 24 दिन में न्यूनतम तापमान 10 बार से अधिक माइनस में रहा। इससे कई सरसों, मटर आदि फसलों में 80 फीसदी तक नुकसान का अनुमान है। 

सरसों की फसल को भारी नुकसान

प्रदेश में इस वर्ष 32 लाख हेक्टर से अधिक में सरसों बुवाई की गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सरसों, तारामीरा, चना और मटर की अगेती फसलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। वहीं प्रदेश में रबी की फसल में इस बार गेहूंकी बुवाई करीब 20 लाख हेक्टर की गई थी। जिसमें जयपुर, दौसा, श्रीगंगानगर, बीकानेर, सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में 30 से 40 फीसदी गेहूं और जौ की फसल में नुकसान का अनुमान है।

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गिरदावरी की मांग  

कृषि विभाग द्वारा फसलों में आपदा की स्थिति बनने पर अपने स्तर पर फील्ड सर्वे करवाकर नुकसान का आकलन कराया जाता है। फील्ड रिपोर्ट सरकार काे भेजी जाती है। इसके आधार पर राज्य सरकार स्पेशल गिरदावरी के आदेश देती है। इस बार दो बार लगातार पाला पड़ने से फसलों में नुकसान हुआ है। ऐसे में किसान सरकार से जल्द गिरदावरी की मांग कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले फिल्ड सर्वे होना आवश्यक है। कई जिलों में कलेक्टर्स ने राजस्व विभाग की टीमों को फील्ड सर्वे और खेतों में जाकर स्पेशल गिरदावरी के निर्देश दिए हैं।

पाले का फसल बीमा नहीं 

कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम ने बताया कि पालेसे हुई खराबे की सूचना संबंधित बीमा कम्पनी को 72 घंटे में सुचना देनी आवश्यक है उसकी अनुसार किसानों को बीमा मिलेगा। लेकिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पाले को बीमा कवर में शामिल नहीं किया गया। ऐसे में किसानों को अब विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा मिलने की उम्मीद है।

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