मंगल की किताब में मिले अरबों साल पहले पानी होने के सबूत, क्यूरियोसिटी रोवर ने खोजी
वॉशिंगटन। मंगल ग्रह पर नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने एक अजीबोगरीब खोज की है। मंगल ग्रह पर रोवर ने एक ऐसी चट्टान खोजी है, जो एक किताब की तरह दिखती है। इसे टेरा ‘फिरमे’ नाम दिया गया है। इस खोज से ग्रह पर पहले पानी की मौजूदगी से जुड़े कई सवाल खड़े हुए हैं। मंगल ग्रह पर चट्टानों के असामान्य आकार अक्सर अरबों साल पहले हुए जल गतिविधि का परिणाम होते हैं। जब पानी सूख गया तो हवा के कटाव के कारण नर्म चट्टान का क्षरण हुआ और सिर्फ कठिन पदार्थ ही बचा। क्यूरियोसिटी के मार्स हैंड लेंस इमेजर ने टेरा फिरमे की तस्वीर खींची।
चट्टानों का सैंपल ले रहा रोवर
जेपीएल ने कहा, ‘क्यूरियोसिटी रोवर गेल क्रेटर में अगस्त 2012 से ही खोज कर रही है।’ वहीं मंगल ग्रह पर नासा का एक अन्य मिशन पर्सीवरेंस रोवर जेजेरो क्रेटर में खोज कर रहा है। पर्सीवरेंस रोवर मंगल ग्रह की चट्टानों पर ड्रिल करके प्राचीन जीवन के सबूत खोज रहा है। नासा का प्रयास है कि इन ट्यूब्स को वापस धरती पर लाया जाएगा। धरती पर लाने के बाद इसकी जांच की जाएगी। साल 2030 तक इसके पृथ्वी पर वापस आने की उम्मीद है।
सैंपल वापस लाने का मिशन
मंगल ग्रह से कीमती नमूनों को धरती पर वापस लाने के लिए नासा का प्लान है कि एक अंतरिक्ष यान के साथ कुछ मिनी हेलिकॉप्टर भेजे जाएंगे। नासा मान कर चल रहा है कि सैंपल वापसी के मिशन में लंबा समय लग सकता है और तब तक शायद पर्सीवरेंस रोवर काम करना बंद कर दे। इसी संभावना को देखते हुए नासा ने सभी सैंपल की एक कॉपी ट्यूब मंगल की सतह पर गिरा दी है। अगर रोवर से सैंपल नहीं मिले तो एक हेलिकॉप्टर सतह के सैंपल उठाएगा।
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