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एक दिन पहले चेताने के बाद भी सड़कों पर मिले 52 हजार 569 ‘लापरवाह’

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए गए अभियान के तहत एक दिन में बिना हेलमेट पहनकर दुपहिया वाहन चलाने वालों के 52 हजार 569 चालान काटे गए। 
08:46 AM May 14, 2023 IST | Anil Prajapat

 जयपुर। अपनी जान को लेकर आमजन कितना लापरवाह हैं, इसकी बानगी शनिवार को पूरे राजस्थान में देखने को मिली। जब पुलिस की एक दिन पहले दी गई चेतावनी के बाद भी लोग ट्रैफिक रूल्स (Traffic Rules) तोड़ने से बाज नहीं आए। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए गए अभियान के तहत एक दिन में बिना हेलमेट पहनकर दुपहिया वाहन चलाने वालों के 52 हजार 569 चालान काटे गए। 

प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के यह हाल जब हैं, जब पुलिस ने शुक्रवार को ही अभियान को लेकर चेतावनी दे दी थी कि अगले दिन सुबह 9 से शाम 6 बजे तक बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ एक दिवसीय सघन अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। फिर भी लोग अपनी जान और पुलिस कार्रवाई को लेकर चिंतित नजर नहीं आए।

जयपुर रेंज में हुए सबसे ज्यादा 9285 चालान 

एडीजी वीके सिंंह ने बताया कि इस अभियान में जयपुर कमिश्नरेट में कु ल 6 हजार चालान किए गए। इसमें कमिश्नरेट पुलिस ने 3640 व जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने 2359 चालान काटे।

पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई 

एडीजी सिंह ने भीषण गर्मी के बावजूद यातायात पुलिस कर्मियों की ओर से प्रदेश भर में अभियान के दौरान किए गए कार्यों को लेकर उनकी पीठ थपथपाई। सिहं ने पुलिसकर्मियों अच्छे कार्यों की सराहना की और भविष्य में भी इसी प्रकार लगन और निष्ठा के साथ कार्य करने का को कहा।

एडीजी ने मौके पर समझाइश की और सख्ती भी दिखाई 

प्रदेश में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में कमी लाने के लिए बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ एक दिवसीय सघन अभियान चलाकर हर जिले में चालान किया गया। एडीजी ट्रैफिक वीके सिहं ने इस अभियान को चलाने को लेकर निर्देश दिए थे। इसके बाद शनिवार को वह खुद जयपुर शहर के कई स्थानों पर पहुंचकर अभियान का जायजा लेते नजर आए। रामबाग और जेडीए सर्किल सहित अन्य स्थानों पर जाकर एडीजी सिहं ने ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले लोगों से समझाइश की और सख्ती भी दिखाई। सिहं ने नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को कहा कि हेलमेट पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए नहीं, बल्कि उनकी जान बचाने के लिए जरूरी है। उन्होंने अभिभावकों से भी अपने बच्चों को दुपहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनाने का भी आग्रह किया।

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पुलिसकर्मी को मोबाइल पकड़ाया, दिखाई धौंस 

अभियान के दौरान शहर के चौराहों पर अलग-अलग नजारें देखने को मिले। जैसे ही पुलिसकर्मी ने नियम तोड़ने वाले दपहिया ु चालक को रोका तो अधिकतर ने जेब से मोबाइल निकालकर पुलिसकर्मी पर अपनी पहचान का रौब झाड़ा। किसी ने अपने परिवार के सदस्य का, किसी ने किसी अधिकारी का तो किसी ने राजनीतिक पार्टी के नेताओं से बात करवाने की कोशिश की। हालांकि, अधिकतर जगहों पर तो पुलिस ने पहले चालान काटने की कार्रवाई की और फिर बात करते हुए अभियान का हवाला दिया और रियायत नहीं दे पाने की बात कही। वहीं, कई जगहों पर चालक व खासतौर पर पीछे बैठने वाली सवारी हल्की क्वालिटी का हेलमेट लगाए हुए पकड़े गए, जिन पर भी कार्रवाई की गई।

पकड़े गए तो यह बहाने बनाए सबसे ज्यादा 

बिना हेलमेट पकड़े जाने पर भूल जाने का बहाना बनाया। वहीं, किसी ने कहा कि काम से निकला था, पास ही जाना था इसलिए हेलमेट नहीं लगाया। किसी ने कहा कि तेज गर्मी के कारण नहीं लगाया था। रखा तो है। किसी ने हेलमेट सिर की जगह हाथ में लटका रखा था। अधिकतर दोपहिया वाहन के पीछे बैठी महिलाएं बिना हेलमेट थी। किसी ने माफी मांगी तो कोई उलझ गया। पुलिस भी नहीं मानी और सख्ती करते हु ए नजर आई।

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