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अपराधियों का नया पतैंरा, ‘नासमझाे’ से करवा रहे टारगेट पूरा, नाबालिगों की क्राइम में एंट्री से बढ़ी पुलिस की टेंशन

नाबालिगों की क्राइम में एंट्री राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की धक-धक बढ़ा रही है।
08:01 AM Jun 30, 2023 IST | Anil Prajapat
अपराधियों का नया पतैंरा  ‘नासमझाे’ से करवा रहे टारगेट पूरा  नाबालिगों की क्राइम में एंट्री से बढ़ी पुलिस की टेंशन

(हिमांशु शर्मा) : जयपुर। नाबालिगों की क्राइम में एंट्री राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की धक-धक बढ़ा रही है। अपराधी सख्त सजा से बचने के लिए कम उम्र के बालकों से आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवा अपना क्राइम टारगेट पूरा करवा रहे हैं। खास बात यह है कि देश से लेकर प्रदेश तक में कुख्यात गैंगस्टर्स अपनी गैंग में नाबालिगों को वारदातों को अंजाम देने के लिए शामिल कर रहे हैं, जिससे वह कानून की धाराओं का फायदा उठाकर सख्त सजा से बच सकें।

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हाल ही इस साल जयपुर के जवाहर सर्किल में जी क्लब पर गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के कहने पर फायरिंग कर दहशत फैलाने के मामले में पुलिस ने 5 बदमाशों को पकड़ा था। इनमें से दो नाबालिग थे, जिनकी उम्र 16 साल थी। वहीं सीकर में दिनदहाड़े हुए गैंगस्टर राजू ठेठ हत्याकांड में एक नाबालिग समेत पांच आरोपी पकड़े गए थे।

हत्या-ड्रग्स व हथियार सप्लाई तक में लिप्त 

प्रदेश में बाल अपचारियों की ओर से संगीन अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। यह नाबालिग गैंगस्टर्स व माफिया के संपर्क में आने के बाद चोरी से लेकर हत्या, ड्रग्स व हथियार सप्लाई तक कर रहे हैं। पुलिस के गत दो साल के रिकॉर्ड को देखे तो सबसे ज्यादा नाबालिग चोरी, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामलों में लिप्त रहे हैं।

साल दर साल नाबालिगों की अपराध में एंट्री की संख्या बढ़ती ही जा रही है। साल 2021 में बाल अपचारी अपराधियों ने 3701 और साल 2022 में 4257 अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। ऐसे में राजस्थान पुलिस को गैंगस्टर्स से जुड़े बाल अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाना पड़ा और सोशल मीडिया अकाउंट तक देखने पड़े।

पुलिस की लापरवाही से बच रहे सजा से

राजस्थान हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एके जैन ने कहा कि दिल्ली में जब निर्भया कांड हुआ तो काननू में संशोधन हुआ था। इसमें यह तय किया गया था कि 16 से 18 साल की उम्र में अगर कोई अपराध करे तो इसका ट्रायल बालिग की तरह कोर्ट से अनुमति लेकर चलाया जा सकता है, लेकिन इसमें पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है कि वह अनुमति नहीं लेते हैं। इस कारण से नाबालिग सजा से बच जाते हैं। हालांकि कई मामलों में ऐसा हो भी रहा है, जिसमें नाबालिगों का ट्रायल बालिग की तर्ज पर चलाने की अनुमति ली गई है। राजू ठेहठ हत्याकांड में शामिल एक नाबालिग को कोर्ट ने इसी आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था।

2021-2022 में इन प्रकरणों में रहे लिप्त 

चोरी -1358 प्रकरण

हत्या व हत्या का प्रयास - 473

लूट - 319

ब्लात्कार - 571

नकबजनी - 514

अपहरण व व्यपहरण - 379

पोक्सो - 266

आर्म्स - 148

एनडीपीएस एक्ट - 88

एक्ससाईज - 48

बलवा - 37

डकैती - 27

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