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नागौर में खाकी फिर शर्मसार! पुलिस ने दूध की दुकान से युवक को उठाया, थाने लाकर प्राइवेट पार्ट पर लगाए करंट

05:33 PM Jan 09, 2023 IST | Sanjay Raiswal
नागौर में खाकी फिर शर्मसार  पुलिस ने दूध की दुकान से युवक को उठाया  थाने लाकर प्राइवेट पार्ट पर लगाए करंट

नागौर। राजस्थान में खाकी एक बार फिर शर्मसार हुई है। यहां नागौर जिले में खींवसर पुलिस पर शर्मनाक हरकत करने का आरोप है। खींवसर थानाधिकारी ने एक युवक को बेरहमी से मारपीट की। इतना ही नहीं थानाधिकारी ने युवक के प्राइवेट पार्ट पर करंट के झटके लगा दिए। मारपीट और करंट लगने से युवक की हालत बिगड़ गई। उसके पैरों में फफोले पड़ गए। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं युवक के परिजन न्याय की मांग को लेकर दो दिन से भटक रहे हैं।

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परिजनों ने परेशान होकर जिला पुलिस अधीक्षक बंगले के सामने न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान परिजनों ने बताया कि भावण्डा थानाधिकारी सिद्धार्थ प्रजापत ने बिना कारण उनके बेटे को हिरासत में लेकर बेरहमी से मारपीट की। उनके बेटे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया है। परिजनों ने एसपी से न्याय की मांग करते हुए भावण्डा थानाधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की शिकायत की है।

दरअसल, ये पूरा मामला 4 जनवरी का है। भावण्डा थाना क्षेत्र के माणकपुर निवासी महिपाल पुत्र रामप्रसाद जाट दूध की दुकान पर काम कर रहा था। इस दौरान भावण्डा पुलिस थाने की गाड़ी दुकान पर आई और पुलिसकर्मी महिपाल को जीप में डालकर थाने ले गए। महिपाल ने बताया कि इसके बाद थाना अधिकारी सिद्धार्थ प्रजापत और पुलिस कर्मचारियों ने थाने के सभी सीसीटीवी कैमरे बंद कर युवक से मारपीट की और गुप्तांग पर करंट के झटके भी लगाए।

परिजनों ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार…

7 जनवरी को जमानत पर जेल से बाहर आए महिपाल ने बताया कि पुलिस ने उनके साथ बेरहमी से पिटाई की। पुलिसवालों ने धमकी देते हुए कहा कि अगर किसी भी इसके बारे में बताने की कोशिश की तो फिर से जेल में डाल देंगे। जिस पर पीड़ित महिपाल अपने परिजनों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचा, लेकिन सरकारी अवकाश के चलते वहां उन्हें न्याय नहीं मिला। इसके बाद महिपाल के अस्वस्थ होने और हालत गंभीर होने पर परिजन उसको लेकर जेएलएन अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें उपचार के लिए भर्ती कर लिया। इसके बाद रविवार को महिपाल के परिजन पहले एसपी कार्यालय और इसके बाद एसपी बंगला के सामने धरने पर बैठ गए।

महिपाल ने बताया कि मारपीट के बाद भावण्डा थानाधिकारी ने उसके खिलाफ 10 पेटी शराब का प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। जबकि वह दूध की दुकान पर काम कर रहा था। महिपाल ने बताया कि उनके सामने ही एक पक्ष के कुछ लोगों की थानाधिकारी से बात हुई और गलत तरीके से प्रकरण दर्ज करने का षड्यंत्र भी रचा गया। इस संबंध में उन्होंने पुलिस के शराब कारोबारियों से मिलीभगत होने के भी आरोप लगाए।

परिजनों ने पुलिस पर लगाया मिलीभगत का आरोप

परिजनों ने एसपी से उचित न्याय दिलवाने की मांग की, लेकिन इसके बाद भी उन्हें यहां से केवल आश्वासन ही मिला। जिस पर परिजनों को भी बैरंग लौटना पड़ा। हैरानी की बात यह है कि उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचने के बाद भी युवक का मेडिकल नहीं करवाया गया। जिस पर पीड़ित के परिजनों ने पुलिस पर सवालिया निशान खड़े किए और मिलीभगत के भी आरोप लगाए।

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