'इलेक्टोरल बॉन्ड सबसे बड़ा घोटाला था...' सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आया पूर्व CM गहलोत का बड़ा बयान
Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार की इस योजना को असंवैधानिक करार दिया है. वहीं इस योजना को रद्द करने के आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बांड जारी करना तुरंत बंद करने का कहते हुए 6 मार्च तक चुनाव आयोग को सभी विवरण जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट का यह फैसला आते ही राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने इसका स्वागत करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला किया है.
उन्होंने कहा है कि मैं लगातार इस मुद्दे पर बोलता रहा हूं और आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसले से साबित कर दिया कि इलेक्टोरल बॉन्ड ने भ्रष्टाचार को बढ़ाने का काम किया.
गहलोत ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक एवं स्वागतयोग्य है और इस य़ोजना ने राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता को खत्म करने के साथ ही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को सीधे लाभ पहुंचाने का काम किया है.
ये था सबसे बड़ा घोटाला : गहलोत
गहलोत ने कोर्ट का फैसला आने पक कहा कि ''मैंने बार-बार कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड आजाद भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक है और आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये साबित भी कर दिया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड एनडीए सरकार का एक बड़ा घोटाला है.'' उन्होंने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला देर से आया पर देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए बेहद ही जरूरी फैसला है जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा है कि एसबीआई सभी पार्टियों को मिले चंदे की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को दे और चुनाव आयोग 13 मार्च तक यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित करे. इसके अलावा अभी जो बांड कैश नहीं हुए वह राजनीतिक दल वापस लौटाएं.