Election 2023: कैसे काम करती है EVM, कब हुई एंट्री, किसने ने बनाया, यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब
Assembly Elections 2023: आज राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव की मतगणना के रिजल्ट घोषित किए जा रहे हैं। इन राज्यों की किस्मत का ताला ईवीएम (EVM) मशीन खोल रही हैं। आज जिस ईवीएम में अपनी सरकार तय करते हैं क्या आप उसके बारे में सब जानते हैं? हो सकता है आप ईवीएम मशीन के बारे में पूरी तरह नहीं जानते हैं। ऐसे में आज हम आपके ईवीएम से जुड़े हर सवाल जवाब देंगे।
EVM ने कब ली भारत में एंट्री?
EVM का पूरा नाम इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन है। भारत में EVM की एंट्री पहली बार भारत में 1982 में हुई थी।
बैलेट पेपर से होती थी पहले वोटिंग
ईवीएम आने से पहले बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग होती थी। अब बैलेट पेपर की जगह ईवीएम मशीनों ने ले ली है। हालांकि, हर इलेक्शन में EVM पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। इसमें राजनीतिक पार्टिंया ईवीएम पर काफी सवाल खड़े करती हैं। ऐसे में EVM से जुड़े कुछ आम सवालों का जवाब हम आपको देंगे।
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EVM एक स्टैंड अलोन मशीन
EVM वोट सबमिट करने वाली एक इलेक्ट्रोनिक मशीन है। इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन दो यूनिट्स से बनी होती है जिसमें कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट शामिल हैं। ये पांच मीटर की लेबल से जुड़ी होती है।
-EVM एक स्टैंड अलोन मशीन होती हैं, इससे किसी भी तरह का कोई नेटवर्क नहीं जुड़ा होता है।
-चुनाव आयोग के मुताबिक, ये मशीन किसी कंप्यूटर से कंट्रोल नहीं होती हैं।
-ईवीएम में डेटा के लिए फ्रीक्वेंसी रिसीवर या डिकोडर नहीं होता है. वोटिंग के बाद इन्हें सीलबंद कर दिया जाता है। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच केवल रिजल्ट वाले दिन ही खोला जाता है।
-Control Unit (CU): कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर (RO) के पास होती है।
-Balloting Unit (BU): बैलेटिंग यूनिट वोटिंग कंपार्टमेंट में रखी जाती है। यहां पर आकर लोग वोट डालते हैं।
EVM मशीन से वोट डालने का प्रोसेस
पीठासीन अधिकारी वोटर की आईडेंटिटी को वेरिफाई करता है, इसके बाद कंट्रोल यूनिट का बैलेट बटन दबाता है। इस प्रोसेस के बाद वोटर बैलेटिंग यूनिट पर मौजूद कैंडीडेट उकसे चुनाव चिन्ह के सामने वाला नीला बटन दबाकर वोट कर सकता है।
EVM को किसने किया डिजाइन?
-ईवीएम को दो सरकारी कंपनी ने डिजाइन किया है। भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु और इलेक्ट्रोनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद के सहयोग से चुनाव आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति ने तैयार किया है और इसे डिजाइन किया है। ईवीएम मशीन BHEL और ECIL ही केवल बनाती हैं।
EVM के साथ VVPAT
EVM के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) भी आता है। जिसमें से एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची में जिस कैंडिडेट को वोट डाला गया है उसकी तस्वीर और चुनाव चिन्ह दिखता है। इससे आपको पता चल जाता है कि आपका जहां बोट डालना चाहते थे वहीं डला है।
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