राजस्थान में ED का शिकंजा: ₹2700 करोड़ के नेक्सा फ्रॉड मामले में 4 जिलों के 24 ठिकानों पर एक साथ रेड
जयपुर, राजस्थान: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की है। गुरुवार सुबह से ईडी की कई टीमें प्रदेश के चार जिलों - जयपुर, सीकर, जोधपुर और झुंझुनूं - में नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट से जुड़े 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं। यह कार्रवाई नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट के नाम पर हुए 2700 करोड़ रुपये के महा-ठगी से संबंधित है।
नेक्सा फ्रॉड: वादे और धोखा
नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट के नाम पर ठगों ने लोगों से बड़ी रकम निवेश करवाई थी। निवेशकों को बदले में फ्लैट, जमीन या फिर बेहद ऊंची ब्याज दर के साथ निवेश की गई राशि लौटाने का वादा किया गया था। लेकिन, ये वादे कभी पूरे नहीं हुए और लोगों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई। यह सब साल 2018-19 के दौरान हुआ।
70 हजार लोगों से 2700 करोड़ की ठगी
इस धोखाधड़ी का शिकार राजस्थान सहित कई राज्यों में लगभग 70,000 लोग हुए। कुल मिलाकर करीब 2700 करोड़ रुपये की ठगी का अनुमान है। कंपनी के मालिक रणवीर बिजारनिया और सुभाष बिजारनिया पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों को 14 महीने में दोगुनी रकम लौटाने का वादा किया था। लोगों का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री की तस्वीर का भी कथित तौर पर दुरुपयोग किया। कंपनी ने धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में निवेश का झांसा देकर भारी-भरकम रकम जुटाई और बाद में फरार हो गई।
पुरानी गिरफ्तारियां और ईडी की नई जांच
इस मामले में राजस्थान पुलिस ने जयपुर, सीकर, झुंझुनू और जोधपुर में 103 से अधिक प्राथमिकियां (FIR) दर्ज की थीं। सीकर पुलिस ने मार्च 2023 में चार मुख्य आरोपियों अमरचंद ढाका, रणवीर बिजारनिया, सुभाष बिजारनिया और उपेंद्र को गिरफ्तार भी किया था। इससे पहले, अलवर CGST आयुक्तालय ने इस मामले से जुड़ी 537 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 48 करोड़ रुपये है।
अब प्रवर्तन निदेशालय ने इस मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामले में गहन जांच शुरू कर दी है। ईडी की टीमें सीकर के पनलावा सहित अन्य तीन जिलों के ठिकानों पर कार्रवाई कर रही हैं। जोधपुर में ईडी की टीम पिछले दो दिनों से फाइलें खंगालने में जुटी हुई थी। ईडी की इस कार्रवाई से नेक्सा फ्रॉड से जुड़े और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।