होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

CM गहलोत के बेटे वैभव को ED का बुलावा, जानें क्या है 'फेमा' जिसके तहत मिला है समन, कितनी होती है सजा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी ने समन भेजा है.
11:42 AM Oct 26, 2023 IST | Avdhesh

ED Raid in Rajasthan: राजस्थान में चुनावों से पहले एक बार ईडी की धमक हुई है जहां गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापेमारी कार्रवाई की गई है. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम राजस्थान में पिछले साल हुए पेपर लीक मामले को लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी ने समन भेजा है.

जानकारी के मुताबिक वैभव से ईडी 2007 से अब तक की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांग सकती है. वहीं उनके भारत के बाहर व्यवसाय की जानकारी और 2007 के बाद किए गए ट्रांजेक्शन पर पूछताछ होगी. इसके अलावा ट्रायटन होटल एंड रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड, वर्धा एंटरप्राइज, नोबेल इंडिया कंस्ट्रक्शन सहित कई मुद्दों पर पूछताछ की जाएगी.

सीएम ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे वैभव गहलोत को ईडी ने समन भेजा है. बता दें कि वैभव गहलोत को फेमा के तहत ईडी ने समन भेजा है जिसके तहत विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाती है. आइए जानते हैं कि ईडी किस तरह से अपनी कार्रवाई को अंजाम देती है और फेमा क्या होता है.

बता दें कि ईडी मुख्य रूप से तीन तरह के अपराधों पर एक्शन लेती है जहां पहला, मनी लॉन्ड्रिंग यानी पीएमएलए (पैसों की हेराफेरी कर कमाई गई संपत्ति की जांच ), दूसरा, विदेशी मुद्रा कानून (फेमा) का उल्लंघन रोकना और तीसरा, एफईओए जिसके तहत भगौड़े अपराधियों पर शिकंजा कसा जाता है.

क्या होता है फेमा?

दरअसल 'फेमा' का पूरा नाम फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) है जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन और विदेशी व्यापार एवं भुगतान संबंधी एक नियम है. फेमा के तहत देश के बाहर व्यापार और भुगतान तथा भारत में विदेशी मुद्रा के रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया एक नागरिक कानून है जहां इस नियम के तहत ईडी को विदेशी मुद्रा कानूनों और नियमों के संदिग्ध उल्लंघनों की जांच करने का अधिकार है.

फेमा की शुरुआत विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 में हुई थी जहां 1 मई 1956 को इन्फोर्समेंट यूनिट नामक एक संगठन बनाया गया था जिसके बाद 1957 में उसे संशोधित कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बना दिया गया.

इसके बाद फेरा-47 को निरस्त कर फेरा-73 बनाया गया जो 1 जनवरी 1974 से लागू किया गया. वहीं फिर 'फेरा-73' को 1998 में निरस्त कर 1999 में देश की संसद ने 'फेमा' पारित किया जिसके बाद 1 जून 2000 से यह देशभर में लागू है.

Next Article