तुर्कीये और सीरिया में आए भूकंप पर पीएम मोदी हुए भावुक, कहा - भुज का भयानक मंजर आया सामने
तुर्कीये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने इन दोनों देशों में तबाही मचा कर रख दी है। आज भारत की तरफ से चिकित्सकीय दलों और सेवाओं के साथ कई राहत सामग्री भी इन दोनों देशों में पहुंचाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए काफी भावुक हो गए उन्होंने अपने संबोधन में तुर्की और सीरिया में आए भूकंप का जिक्र किया और भुज में आए भूकंप को याद किया। दरअसल आज लोकसभा की कार्यवाही से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक को उन्होंने संबोधित किया था जिसमें उन्होंने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप का जिक्र किया था। साल 2001 में गुजरात के भुज में प्रलयंकारी भूकंप आया था जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।उन्होंने कहा कि वह मंजर आज भी मेरे जेहन में ताजा है। मैं समझ सकता हूं कि तुर्कीये और सीरिया में इस वक्त क्या हालात होंगे। इसलिए भारत की तरफ से तुर्कीये और सीरिया में राहत और बचाव के लिए हर संभव मदद भी की जा रही है और आगे भी की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि भले ही भूकंप के बाद राहत और बचाव के कार्य जारी रहते हैं लेकिन इन ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई तरह की चुनौतियां सामने आती हैं जिन पर पार पाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी मुश्किल घड़ी में हम तुर्कीये और सीरिया के साथ खड़े हैं और कंधे से कंधा मिलाकर हर सहायता दे रहे हैं। बता दें कि कल सुबह तड़के तुर्कीये और सीरिया में 7.8 रिएक्टर स्केल का विनाशकारी भूकंप आया था। जिसमें अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 10,000 से ज्यादा लोग घायल हैं। तुर्कीये और सीरिया में करीब 3000 इमारतें ढह गई हैं। मृतकों और घायलों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि जैसे-जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ता जाएगा यह संख्या भी बढ़ती जाएगी। भारत की तरफ से आज ही राहत सामग्री लेकर चिकित्सकीय और बचाव दल भारतीय वायुसेना के विमान से तुर्किए पहुंचा है। साल 2001 में भुज में बेहद विनाशकारी भूकंप आया था इस भूकंप से करीब 20000 लोगों की जान चली गई थी और डेढ़ लाख से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। महीनों तक भुज में रेस्क्यू ऑपरेशन चलते रहे थे। इस भूकंप से करीब 10,000 से ज्यादा इमारतें ढह गई थी जिससे लाखों लोग बेघर हो गए थे।