Earthquake : मलबे में दबी महिला ने बच्ची को दिया जन्म, 30 घंटे बाद जिंदा निकाली गई नवजात, मां की मौत
तुर्कीये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से इन दोनों देशों में तबाही के मंजर देखे जा रहे हैं। लेकिन कल सीरिया के जिंदयारिस शहर से एक ऐसा रूह कंपा देने वाला नजारा देखने को मिला। जिससे हर किसी का कलेजा बाहर आ गया।
30 घंटे बाद जिंदा निकाली गई नवजात
दरअसल भूकंप से जमींदोज हुई एक इमारत के मलबे के नीचे एक नवजात बच्चे को 30 घंटे बाद जिंदा सुरक्षित निकाला गया। आलम यह था कि नवजात बच्ची उस वक्त अपनी मां के गर्भनाल से जुड़ी हुई थी लेकिन बच्चे की मां की मौत हो चुकी थी।
मलबे के भीतर ही गर्भवती ने दिया बच्चे को जन्म
परिवार के एक रिश्तेदार ने अंतरराष्ट्रीय अखबार को जानकारी देते हुए बताया कि जब उन्हें पता चला कि जिंदयारिस शहर में स्थित उनके भाई का घर भूकंप के चलते जमींदोज हो गया है। तब वह अपनों को तलाशने उस जगह पर पहुंचे। उन्होंने खुदाई के जरिए मलबे को हटाना शुरू किया तो मलबे के नीचे से एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने खुदाई का काम तेजी से किया तो धीरे-धीरे उन्हें मलबे के नीचे से उनकी भाभी और नवजात बच्ची नजर आई। उन्होंने देखा कि बच्ची अपनी मां के गर्भनाल से जुड़ी हुई है। जिसके बाद उन्होंने गर्भनाल को काट दिया और बच्चे को तुरंत लेकर एंबुलेंस में रखने के लिए भागे।
घटनाक्रम का वीडियो हुआ वायरल
बच्ची कड़कड़ाती ठंड से बिल्कुल शून्य पड़ चुकी थी। इसलिए उसे गर्माहट देने के लिए उनके साथ ही कंबल लेकर बच्चे के पीछे एक व्यक्ति भागा। ताकि बच्चे को किसी भी तरह गर्माहट मिल सके। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति छोटी सी नवजात बच्चे को दिए हुए एंबुलेंस के तरफ भाग रहे हैं और पीछे से एक व्यक्ति कंबल लेकर दौड़ता चला आ रहा है।
कुछ दिनों में ही बच्चे को जन्म देने वाली थी महिला
उस व्यक्ति ने बताया कि उनकी भाभी दो-तीन दिनों में ही बच्चे को जन्म देने वाली थी लेकिन इस भूकंप के चलते वे इसी मलबे में दब गई और मलबे में ही दबे हुए उन्होंने बच्चे को जन्म दे दिया लेकिन उनकी मौत हो गई। अब बच्चे को उसके जन्म के 30 घंटे बाद जिंदा और सुरक्षित निकाला गया। इस घटना को जिसने भी सुना उसने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया लेकिन बच्चे की मां की मौत पर दुख भी जताया।
ठंड की वजह से बच्चे का शरीर पड़ चुका था नीला
अभी इस बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है डॉक्टर्स का कहना है कि कड़ाके की ठंड की वजह से बच्चे के शरीर का तापमान करीब-करीब शून्य हो चला है। बच्ची का शरीर भी पूरा नीला पड़ा हुआ है। उसे हर संभव तरीके से गर्माहट देने की कोशिश की जा रही है। उसके शरीर पर कई सारी चोटों के निशान भी हैं। हालांकि बच्ची के बचने की संभावना कहीं ज्यादा है इसलिए हम हर तरीके से यह कोशिश कर रहे हैं।
सीरिया में अब तक 2000 लोगों की मौत
बता दें कि सीरिया में भूकंप के चलते अभी तक 2000 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब करीब 25000 लोग गंभीर रूप से घायल हैं यहां पर 8000 इमारतें जमींदोज हुई हैं राहत और बचाव के कार्य अभी भी जारी हैं। भारत की तरफ से भी कल वायु सेना का एक विमान चिकित्सकीय और राहत बचाव सुविधाएं लेकर तुर्की और सीरिया में रवाना हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी तुर्की और सीरिया में आए भूकंप पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव मदद का भरोसा जताया है और वे मदद कर भी रहे हैं।
तुर्कीये और सीरिया में 8000 लोगों की मौत
तुर्कीये और सीरिया के आंकड़ों को मिलाकर अगर देखें तो अभी तक इन में कुल 8000 लोगों की मौत हो चुकी है 30000 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं और 20000 इमारतें जमींदोज हुई हैं। पूरी दुनिया के कई देशों ने तुर्की और सीरिया में सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाएं हैं।