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पितरों की तिथि नहीं है याद? किस विधि से कौनसी तिथि को कर सकते है श्राद्ध, जानिए

पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरु हो रही है और 14 अक्तूबर को श्राद्ध महालय पर इसकी समाप्ति होगी। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का अपना अलग महत्व है।
07:12 PM Sep 11, 2023 IST | Kunal Bhatnagar
पितरों की तिथि नहीं है याद  किस विधि से कौनसी तिथि को कर सकते है श्राद्ध  जानिए

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरु हो रहे है और 14 अक्तूबर को श्राद्ध महालय पर इसकी समाप्ति होगी। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का अपना अलग महत्व है। मान्‍यता है कि पितृ पक्ष के बीच में हमारे पूर्वज हमारे आसपास धरती लोक पर होते हैं। इन दिनों में पितरों के निमित्‍त तर्पण और श्राद्ध किया जाता है।

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व्‍यक्ति की मृत्‍यु जिस तिथि पर हुई है, उसी तिथि पर उसकी श्राद्ध की जाती है। कई बार देखा गया है कि श्राद्ध करने के लिए लोगों को उनके पितृ का स्थिति याद नहीं रहती है। ऐसे में लोगों को कब अपने पितृों का श्राद्ध करना चाहिए, अगर आपके साथ भी यहीं स्थिति है तो अमावस्‍या के दिन आप अपने पितृों का श्राद्ध कर सकते हैं।

पितृ होते है प्रसन्न

पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान और ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी देता है। वहीं, श्राद्ध पक्ष में कुछ चीजों का दान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है। जिस दिन आप अपने पितृों के निमित्त ब्राह्मणों को भोजन करा रहे हैं। आप उस दिन चांदी की कोई भी वस्तु ब्राह्मणों को दान कर सकते हैं।

श्राद्ध कब करें?

  • अगर किसी को अपने पूर्वजों की तिथि याद नहीं है या किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार विधि-विधान से नहीं हुआ है तो ऐसे लोगों के सभी पूर्वजों का श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जा सकता है।
  • इसी तरह अगर आपको तिथि याद नहीं है तो आप नवमी तिथि के दिन किसी विवाहित महिला या मां की मृत्यु पर श्राद्ध कर सकते हैं।
  • अकाल मृत्यु, किसी के द्वारा हत्या, डूबने से मृत्यु या आत्महत्या से मरने वाले लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जा सकता है।
  • त्रयोदशी तिथि पर बच्चों का श्राद्ध किया जा सकता है।

श्राद्ध की विधि

  • श्राद्ध के दिन पूरी श्रद्धा से सात्विक भोजन बनाएं।
  • इसके बाद घर पर किसी ब्राह्मण को बुलाकर उसे भोजन कराएं। इसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करें।
  • श्राद्ध के दिन गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भी भोजन खिलाया जाता है।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद पितरों से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।

श्राद्ध की तिथियां

  • 29 सितंबर : पूर्णिमा श्राद्ध
  • 29 सितंबर प्रतिपदा का श्राद्ध
  • 30 सितंबर : द्वितीया श्राद्ध
  • 01 अक्तूबर : तृतीया श्राद्ध
  • 02 अक्तूबर : चतुर्थी श्राद्ध
  • 03 अक्तूबर : पंचमी श्राद्ध
  • 04 अक्तूबर : षष्ठी श्राद्ध
  • 05 अक्तूबर : सप्तमी श्राद्ध
  • 06 अक्तूबर : अष्टमी श्राद्ध
  • 07 अक्तूबर : नवमी श्राद्ध
  • 08 अक्तूबर : दशमी श्राद्ध
  • 09 अक्तूबर : एकादशी श्राद्ध
  • 11 अक्तूबर : द्वादशी श्राद्ध
  • 12 अक्तूबर : त्रयोदशी श्राद्ध
  • 13 अक्तूबर : चतुर्दशी श्राद्ध
  • 14 अक्तूबर : सर्व पितृ अमावस्या।

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