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क्या आप भी चीनी के सेवन को कम करने के लिए लेते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर? तो जान ले कैंसर का हो सकता है खतरा

12:00 PM Jul 02, 2023 IST | Prasidhi

आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल इन दिनों काफी बढ़ गया है। खासकर उन लोगों के बीच में जो शक्कर का सेवन कम करना चाहते हैं या डायबिटीज के रोगी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, कुछ स्टडी में इस आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल को कैंसर के खतरे से जोड़ा जा रहा है। चलिए आज जानते हैं कि, क्या है आर्टिफिशियल स्वीटनर और कैसे ये हमारे लिए कैंसर का कारण बन सकता है।

क्या है आर्टिफिशियल स्वीटनर

आर्टिफिशियल स्वीटनर एक प्रकार का इंग्रेडिएंट होता है जो मिठास को खुशबू, स्वाद और चिकनाहट के रूप में जोड़ता है। यह डायबिटीज के रोगियों, वजन कम करने के लिए और मिठास के सेवन को कम करने के इच्छुक लोगों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन गया है। आर्टिफिशियल स्वीटनर कई प्रकार के होते हैं, जैसे सक्सरिन, एस्पार्टेम, सुक्रलोज, नीओस्वीट, आदि।

आर्टिफिशियल स्वीटनर और कैंसर के संबंध

कई स्डटी में दिखाया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर के सेवन से कैंसर के विकास का खतरा बढ़ सकता है। यह खतरा बढ़ता है जब इसका उपयोग अत्यधिक मात्रा में होता है। वहीं इस आर्टिफिशियल स्वीटनर में शामिल एस्पार्टेम को लेकर WHO ने एक बड़ी बात कही है। WHO का कहना है कि, एस्पार्टेम नॉर्मल चीनी की तुलना में 200 गुना ज्यादा मीठा होता है। वहीं सॉफ्ट ड्रिक्स में तकरीबन 95% एस्पार्टेम का यूज होता है। वहीं इसके सेवन से कैंसर के चान्सेस काफी बढ़ जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एस्पार्टेम कार्सिनोजेन की तरह ही होता है। जो सेहत के लिए गंभीर नुकसानदायक होता है। कार्सिनोजेन ऐसे पदार्थ हैं, जिनसे इंसानों में कैंसर पैदा हो सकता है। आइए जानते हैं कि, आर्टिफिशियल स्वीटनर आपके स्वास्थ को कैसे प्रभावित कर सकता है।

मेटाबोलिक इफ़ेक्ट

कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर मेटाबोलिक इफ़ेक्ट्स पैदा कर सकते हैं, जिसमें इंसुलिन रेसिस्टेंस और ग्लूकोज़ इंटॉलरेंस शामिल हो सकती है। ये दोनों हालात मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम के विकास के साथ जुड़े हैं, जो कैंसर के विकास के लिए एक प्रेरणा हो सकते हैं।

इन्सुलिन प्रोडक्शन

कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर इंसुलिन के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं, जो अधिक इंसुलिन के निर्माण से जुड़ा है। अत्यधिक इंसुलिन उत्पादन कैंसर के विकास के लिए एक बाधाक हो सकता है।

डीएनए प्रभाव

आर्टिफिशियल स्वीटनर के सेवन से डीएनए में परिवर्तन हो सकते हैं, जो कैंसर के विकास के लिए एक उत्प्रेरक बन सकते हैं।

डाइट में बदलाव

आर्टिफिशियल स्वीटनर के सेवन से हमारी डाइट में बदलाव हो सकता है, जिसका प्रभाव कैंसर के विकास पर हो सकता है। उदाहरण के लिए, यह सेवन आपकी भूख को बढ़ा सकता है और आपको ज्यादा कैलोरी संभालने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, जो ओबेसिटी और कैंसर के बीच संबंधित हो सकता है।

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