विधि-विधान से करें शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत, मिलेंगें शुभ परिणाम
शुक्रवार के दिन संतोषी माता की पूजा और व्रत किया जाता है। संतोषी माता का व्रत बहुत शुभकारी माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कोई इच्छा बहुत समय से पूरी नहीं हो रही होतो ,वो इस व्रत को कर सकता है। लेकिन कई बार पूरे विधि-विधान से यह व्रत करने के बाद भी उचित परिणाम नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि कई बार व्रत -पूजा करते समय कोई त्रुटि हो जाती है और इस वजह से इच्छित मनोकामना पूरी नहीं हो पाती है। इसके लिए व्रत और पूजा के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
शुक्रवार को ना करें खट्टी चीजों का सेवन
शास्त्रों के अनुसार माता संतोषी को खट्टी चीजों से परहेज है। इसलिए अगर आप शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत कर रहें हैं तो खाने में खट्टी चीजों का प्रयोग ना करें। फलों में भी जो खट्टे फल का सेवन ना करें।
व्रत में मांस -मदिरा का ना करें प्रयोग
स्वच्छ घर में ही देवी-देवताओं का प्रवेश होता है। इसके साथ ही व्रत भी साफ-सफाई से किया जाता है। हम जिस भी देवी-देवता की पूजा और व्रत करते हैं वो हमें आशीर्वाद देने आते हैं। इसलिए संतोषी माता के व्रत के दिन मांस -मदिरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
झूठ बोलने से खंडित होता है व्रत
जिस दिन आप कोई व्रत कर रहें हों,उस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए। उस दिन किसी भी तरीके से झूठ बोलने पर व्रत खंडित हो जाता है। संतोषी माता के व्रत के दिन झूठ बोलने से शुभ परिणाम नहीं मिलते हैं।
झगड़ा-फसाद करने से व्रत रह जाता है अधूरा
व्रत -उपवास में किसी को भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए और लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। संतोषी माता के व्रत में माता के नाम का जाप करना चाहिए। यदि व्रत के दौरान झगड़ा किया जाता है तो व्रत पूरा नहीं माना जाता है।
संतोषी माता के व्रत का महत्व
संतोषी माता के व्रत करने से नि:संतान दंपत्ति को संतान की प्रात्ति होती है। संतोषी माता के व्रत,9 से 11 शुक्रवार तक करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा हो या किसी तरह की बाधा आ रही होतो,संतोषी माता के व्रत करने से मनोकामना पूर्ण होती है।