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काल भैरव और शनिदेव की प्रतिमा ना रखें घर के अंदर, धन की होगी हानि, सुख-शांति होगी दूर

06:02 PM Jan 31, 2023 IST | Sanjay Raiswal

सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा, व्रत और उपवास करना बताया गया। ये एक पंरपरा है, जो प्रत्येक हिंदू परिवार हमेशा करता है। ऐसा करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और रोजमर्रा के जीवन में आने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है। अधिकतर सनातनियों के घरों में मंदिर मिलेगा। इसमें सभी देवी -देवता विराजमान रहते हैं। ऐसा इसलिए की घर में ही पूजा करके, इनकी कृपा मिल जाए, लेकिन कुछ देवता ऐसे हैं जिनकी प्रतिमा घर में रखने से गृह-क्लेश होने शुरु हो जाते हैं। इनकी पूजा मंदिर में करना ही उचित होता है। आइए आपको बताते हैं वो कौनसे देवी-देवता हैं।

काल भैरव…

भैरवनाथ को काल भैरव के नाम से जाना जाता है। यह शिव का रौद्र अवतार माने जाते हैं। इनकी पूजा घर के बाहर किसी मंदिर में ही की जानी चाहिए। घर में इनकी प्रतिमा या मूर्ति लगाने से वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है और इसका दुष्प्रभाव घर के सदस्यों पर पड़ने लगता है।

महाकाली…

मां काली को मां पार्वती का रुप माना जाता है। यह माना जाता है कि यह मां पार्वती का विकराल रुप है। इनकी प्रतिमा घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए इनकी मूर्ति को घर में ना रखना ही उचित है।

शनिदेव…

शनिदेव को न्याय का देवता और कर्म फल देने वाला माना जाता है। शनिदेव की क्रूर दृष्टि से किसी को भी बर्बाद कर सकती है। इसलिए शनिदेव की मूर्ति को घर में नहीं लगानी चाहिए।

राहु-केतु…

राहु-केतु की ग्रहों के रुप में पूजा की जाती है। इन्हें छाया ग्रह माना जाता है। पुराणों के अनुसार यह एक राक्षस था। जिसने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत का चोरी से पान कर लिया था। और अमर हो गया था। इस पर भगवान विष्णु ने इसकी गर्दन काट दी थी, लेकिन अमृतपान के कारण यह दो भागों में बंट गया। सिर वाला भाग राहु कहलाया और धड़ केतु कहा गया। इनकी प्रतिमा भी घर के बाहर ही रखनी चाहिए। घर के अंदर ना लाएं।

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