For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

500 से अधिक मंदिरों वाले इस शहर में घूमने न भूलें अपने परिवार के साथ

12:56 PM Apr 16, 2023 IST | Prasidhi
500 से अधिक मंदिरों वाले इस शहर में घूमने न भूलें अपने परिवार के साथ

भारत एक ऐसा देश है जिसके हर शहर की कुछ न कुछ खासियत है। हर शहर को किसी खास नाम से जाना जाता है। जहां राजस्थान के जयपुर को पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है, तो वहीं ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को टेंपल सिटी के नाम से जाना जाता है। भुवनेश्वर को टेंपल सिटी बुलाने का कारण ये है कि, इस शहर में 500 से ज्यादा मंदिर हैं और इनमें से कुछ मंदिर तो 6वीं और 11वीं शताब्दी के बने हुए हैं। आज हम आपको भुवनेश्वर के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां से देश का इतिहास जुड़ा हुआ है साथ ही आप अपने परिवार के साथ घूमने भी जा सकते हैं।

Advertisement

लिंगराज मंदिर

लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर का सबसे पुराना मंदिर है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के 4 भाग हैं गर्भ गृह, यज्ञ शाला, भोग मंडप और नाट्यशाला। इस मंदिर को राजा जाजाति केशरी ने बनवाया था। यहां कि हर दिवार पर तरह-तरह की मूर्तियां बनी हुई हैं।

परशुरामेश्वर मंदिर

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 7वीं और 8वीं शताब्दी में किया गया था। अगर आप उड़िया शैली को बारिकी से देखना चाहते हैं तो इस मंदिर को देखने जरूर आएं। मंदिर की खासियत ये है कि इसके उत्तर-पश्चिम कोने में एक हजार लिंगों की उपस्थिति है। मंदिर में भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति हैं।

राजारानी मंदिर

इस मंदिर को प्रेम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 11 वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर की खास बात ये है कि, ये कलिंग वास्तुकला का अनुठा नमुना है। इस मंदिर की दिवारों पर शिव और पार्वती के विवाह की नक्काशी की गई है।

राम मंदिर

ये मंदिर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को समर्पित है। साथ ही इस मंदिर को अगर आप देखना चाहते हैं तो रामनवमी, शिवरात्री जैसे मौको पर यहां गजब का माहौल होता है।

वासुदेव मंदिर

इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 13 वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा हुआ है। मंदिर की खासियत ये है कि यहां के गर्भगृह में मूर्तियां लकड़ी के बजाय काले ग्रेनाइट पत्थर से बनाई गई हैं।

.