होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

अगर महिला विधवा है तो उसके नाते जाने की प्रथा किसने बनाई ? वीरांगना मंजू जाट पर धारीवाल के बयान पर बोलीं दिव्या मदेरणा

02:36 PM Mar 14, 2023 IST | Jyoti sharma

वीरांगना मंजू जाट पर शांति धारीवाल के दिए गए आपत्तिजनक बयान पर सियासत जारी है। अब ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने इस मामले को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सदन की इस कार्रवाई को देखकर मंजू के आंसू नहीं रुक रहे हैं। मदेरणा ने सवाल उठाया कि अगर एक महिला विधवा होती है तो किसी के नाते जाने की प्रथा किसने बनाई और यह समाज को स्वीकार्य क्यों है ?

अगर प्रथा गलत को समाज को स्वीकार्य क्योंं ?

दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि मंजू नाते गई या नहीं गई , सबूत है या नहीं , वैचारिक सवाल यह भी है कि समाज में एक महिला विधवा होने पर किसी के नाते जाने की प्रथा किसने बनायी । यह प्रथा अगर ग़लत है तो यह समाज को क्यों स्वीकार्य है ? क्या विधवा महिलायें अपनी खुद की मर्ज़ी से ही नाते जाती है या फिर पारिवारिक सामाजिक दबाव में ? और अगर यह परम्परा सामाजिक पारिवारिक दबाव में महिला पर थोपी जाती है तो इस नाते की प्रथा से किसी के चरित्र पर उँगलिया उठाई जा सकती है ?

इस मुद्दे पर कल सदन में होती बहस को वीरांगना मंजू लाइव देख रही थीं। जिसे देखते हुए वे रो रही थीं, इसकी तस्वीरें भी काफी वायरल हुई।इस पर दिव्या मदेरणा ने कहा कि “जरा आईना लाओ दम उखाड़ा सीने में,सांस उखड़ी,हम अपनी जिंदगी में मौत की तस्वीर देखेंगे।” विधानसभा का पटल जनप्रतिनिधियों से सबसे उच्च आचरण की उम्मीद रखता है वह लाइव प्रसारण को आईने की तरह सामने देख मोबाइल में शायद मंजू अपने शहीद पति से कह रही होगी अपनी बदनशीबियों का क्या इलाज करूँ ?

वीरांगना के आंसुओं में सभी उम्मीदें जल गईं

मंजू की शायद हिचकियाँ नहीं रुक रही होगी । उसकी हिचकियां भी दो प्रकार की होंगी -एक उसके पति की याद की ,एक उनकी मौत की ! इन आंसुओं में शायद उसके लिए सब उम्मीदें जल गई होगी।

कल धारीवाल ने कहा था, वीरांगना देवर के नाते चली गई

बता दें कि शांति धारीवाल ने वीरांगना को लेकर कहा था कि भाजपा के लोगों ने इन्हें सिखाकर भेजा है। धारीवाल ने यह भी कहा कि सभी वीरांगनाओं को उनका अधिकार दिया गया है लेकिन अभी अजीब तमाशा हो रहा है। महिला का देवर पहले से ही शादीशुदा है, उसके दो बच्चे भी हैं। महिला उसके नाते चली गई। अब कहती है कि मेरे देवर को नौकरी दे दो, यह क्या तमाशा है, ऐसा कभी हुआ है क्या, नियम के खिलाफ किसी को नौकरी मिली है क्या।

Next Article