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बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का अगला ठिकाना शिवसेना! सियासी गलियारों में क्यों हो रही ऐसी चर्चा?

गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) का अगला ठिकाना शिवसेना हो सकता है।
02:48 PM Sep 06, 2023 IST | Anil Prajapat
Rajendra Singh Gudha

जयपुर। गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) का अगला ठिकाना शिवसेना हो सकता है। यानी वो जल्द ही शिवसेना का दामन थाम सकते है। लेकिन, सवाल ये है कि आखिर सियासी गलियाओं में इस तरह की चर्चा क्यों हो रही है।

दरअसल, 9 सितंबर को राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा का बर्थडे है। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आ रहे हैं। झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ में अपने समर्थकों से मुलाकात के दौरान राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे है कि वो अब शिवसेना में शामिल हो सकते है।

राजेंद्र गुढ़ा बोले-सीरियल से खोलूंगा लाल डायरी के पन्ने

सूरजगढ़ में राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि 9 सितंबर को उनके बेटे शिवम गुढ़ा का जन्मदिन है। इस मौके पर गुड़ा गांव में सभा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि 9 सितंबर के बाद सीरियल से लाल डायरी के पन्ने खोलूंगा।

पिछली बार आए थे सीएम गहलोत

बता दें कि गुड़ा गांव में इस बार भी उसी स्थान पर सभा होने वाली है, जहां पर पिछली साल शिवम गुढ़ा के जन्मदिन पर सभा हुई थी। लेकिन, खास बात ये है कि पिछली बार शिवम गुढ़ा के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुड़ा गांव में सभा की थी। लेकिन, इस बार महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे आ रहे हैं।

अब तक कैसा रहा राजेंद्र गुढ़ा का सियासी सफर?

राजस्थान के झुंझुनूं जिले में 19 जुलाई 1968 को जन्मे राजेंद्र सिंह गुढ़ा अभी उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक हैं। गुढ़ा ने साल 2008 में अपना सियासी सफर शुरू किया और पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद गुढ़ा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। गहलोत सरकार ने उन्हें रिर्टन गिफ्ट देते हुए राज्यमंत्री बनाया था।

इसके बाद साल 2013 में गुढ़ा ने कांग्रेस के टिकट पर उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन वो चुनाव हार गए थे। इस कारण साल 2018 में गुढ़ा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला और वे वापस बसपा में शामिल हो गए थे। लेकिन, चुनाव जीतते ही वापस कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

इस पर गहलोत सरकार ने दूसरी बार गुढ़ा को मंत्री बनाया था। लेकिन, विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने के बाद गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इस पर गुढ़ा ने गहलोत सरकार को घेरने के लिए लाल डायरी का मुद्दा उठाया था, जो इस बार चुनावी मुद्दा बना हुआ है।

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