एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को लेकर बोले संयम लोढ़ा- पुलिस तक करेगी वकीलों की सुरक्षा की जगह.. तो विधेयक का क्या मतलब ?
जयपुर। विधानसभा में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा जारी है। इस बिल को पारित करने के लिए विचार-चर्चा में सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, विधायक कालीचरण सराफ, वासुदेव देवनानी समेत कई विधायकों ने इस बिल में संशोधन करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि आधे-अधूरे बिल को पास कराने की इतनी जल्दी से अच्छा है कि इसमें संशोधन कर ढंग से इसे पारित किया जाए इसमें संशोधन की आवश्यकता है।
सिर्फ कोर्ट परिसर में सुरक्षा बाकी जगह का क्या?
संयम लोढ़ा ने बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि आप यह एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लेकर आए यह बहुत अच्छा है लेकिन इसमें ऐसे कई खामियां हैं। जिन को उजागर करना बेहद जरूरी है ताकि इसमें संशोधन होकर यह पारित हो सके। इसमें सबसे बड़ा जो मुख्य विवाद का कारण बना है वह यह है कि इस बिल में वकीलों की सुरक्षा का प्रावधान नहीं है, ऐसा नहीं है कि सुरक्षा नहीं दी गई है..मिली है लेकिन इसके साथ कि पुलिस तय करे कि वकील की प्रोटेक्शन की जगह कहां हो, उनकी सुरक्षा पुलिस के तय की जगह के आधार पर होगी।
पुलिस कैसे तय करेगी सुरक्षा की जगह?
संयम लोढ़ा ने कहा कि अब यह पुलिस के क्या मानक तय होंगे पुलिस कहां-कहां वकीलों की सुरक्षा या रक्षा करेगी यह कौन तय करेगा यह कैसे तय होगा इसके क्या पैरामीटर्स होंगे। जिसे लेकर वकीलों में रोष है इसलिए बिल में यह प्रावधान करना बेहद आवश्यक है कि वकीलों की सुरक्षा कहां-कहां की जानी चाहिए कहां-कहां हो सकती है उसे लिखित में बिल में देना चाहिए हम वकीलों को सिर्फ इस भरोसे नहीं छोड़ सकते कि उनकी सुरक्षा का जिम्मा हम सिर्फ कोर्ट परिसर में और पुलिस की तय की गई जगह पर मिलेगा। संयम लोढ़ा ने इस बिल में वकीलों के लिए लोन के साथ ही प्राकृतिक आपदा आने पर उनके परिवार को सहायता का प्रावधान करने की भी सलाह दी है।
25-25 सांसद दिए हैं…राष्ट्रीय स्तर पर कानून नहीं बनवा सकते
इसके अलावा उन्होंने भाजपा विधायकों को कहा कि आप इस प्रोटेक्शन बिल पर राजस्थान में विवाद की बात करते हैं। राजस्थान ने 25-25 सांसद जिता कर आपको दिए हैं तो आप केंद्र सरकार से बात करें। केंद्र के स्तर पर वकीलों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय कानून बने। जिससे सभी वकीलों को कवरेज मिल सके, ताकि उनकी सुरक्षा के लिए कोई भी कमी ना रहे।
बिल की प्रतियां जलाने की आ रही है नौबत
इधर कालीचरण सराफ ने भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर कहा कि बिल में वकीलों की सुरक्षा का सबसे बड़ा मुद्दा है और वही मुद्दा अगर हम इस बिल से गायब कर देते हैं तो हमारा बिल लाने का क्या मतलब बनता है। आपको बता दूं कि हाईकोर्ट में इस बिल की प्रतियां जलाने तक की नौबत आई है। वकीलों ने इस बिल की प्रतियां जलाई हैं, जब उन्हें सुरक्षा का प्रावधान ही बिल में नहीं मिलेगा तो वह इस बिल का क्या करेंगे। इसलिए जिस मूल कारण को लेकर इस बिल की मांग उठाई गई है उसका संशोधन कर इसे पारित किया जाए यह मेरा निवेदन है।
जोधपुर में वकील की हत्या सरेराह हुई
बता दें कि जोधपुर में वकील जुगराज की हत्या बीच सड़क पर सरेआम की गई थी। वह किसी कोर्ट कचहरी के परिसर में नहीं था। इसलिए वकील यह मांग उठा रहे हैं कि उनकी सुरक्षा का प्रावधान बिल में किया जाए लेकिन सरकार में इस बिल में सिर्फ कोर्ट परिसर में सुरक्षा और पुलिस के तय की गई जगहों पर सुरक्षा की बात कही है। इसलिए इसे लेकर वकीलों में आक्रोश है और इस संशोधन की बात लगभग हर विधायक कर रहे हैं।